पन्ना, भारत सिंह यादव। गंगा नदी (Ganga River)में तैरते मिले शवों के मिलने से पूरे देश के सनसनी फैली हुई है अब मध्यप्रदेश के पन्ना (Panna) से भी ऐसी ही खबर आई है। पन्ना जिले में बहने वाली रूंझ नदी (Roonjh River) में करीब 6 शव मिले हैं। अचानक तैरते शव देखकर ग्रामीण दहशत में हैं। उधर पुलिस प्रशासन का कहना है कि नदी में बुजुर्गों के दो शव मिले हैं जिनका कोरोना से कोई संबंध नहीं है।
पन्ना जिले से बहने वाली केन नदी (Ken River) की सहायक नदी रूंझ (Roonjh River) में भी गंगा नदी की तरह ही शव मिलने से आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। ग्रामीण शव देखकर भयभीत हैं। पन्ना जिले के नंदनपुर गांव के पास नदी के किनारे ये शव लग गए हैं कुछ शव पानी के ऊपर है और कुछ शव पानी के अंदर। नदी के ऊपर दिख रहे शवों की जब ग्रामीणों ने गिनती तो करीब 6 से अधिक शव उन्हें दिखाई दिए।
ग्रामीणों ने बताया कि नदी में वे अब स्नान नहीं कर पा रहे है ना ही नदी का पानी इस्तेमाल कर पा रहे हैं । 3 से 4 दिन हो गए हैं , लेकिन इन शवों की सुध लेने कोई नहीं आया। गौरतलब है कि रूंझ नदी (Roonjh River) मुख्य रूप से पन्ना (Panna) जिले की सीमा में ही बहती है। आशंका जताई जा रही है कि ये शव पन्ना (Panna) जिले के ही होंगे। हालांकि जब इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो उन्होंने अभी 2 शव मिलने की पुष्टि की है, लेकिन ये शव कहां से आये ये बता पाने की स्थिति में कोई नहीं है।
पन्ना (Panna) की रूंझ नदी (Roonjh River) में तैरती मिले शवों के बारे में पन्ना एसपी धर्मराज मीना (Panna SP Dharmaraj Meena) का कहना है कि रूंझ नदी (Roonjh River) में अभी तक की तहकीकात में 2 शव मिले हैं, जिनका कोरोना से कोई संबंध नहीं है। ये शव गांव के ही बुजुर्गों के हैं जिनको उनके ही परिजनों ने जल समाधि दी थी। रूंझ नदी (Roonjh River) में पानी का बहाव कम होने के कारण शव तैरते हुए मिले हैं जिनके शव मिले हैं उनकी पहचान भी कर ली गई है और उनके परिजनों से भी जानकारी ली जा रही हैं।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....