थाने की दीवार से लगी मेडिकल एजेंसी में चोरी, 5 लाख ले गए चोर, पुलिस गश्त पर सवाल

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर के हुजरात कोतवाली (Hujrat Kotwali) थाने की दीवार से लगी एक मेडिकल एजेंसी (Medical agency) को निशाना बनाकर चोरों ने पुलिस (Police) को खुली चुनौती दी है। हथियारबंद चोर तीन मंजिल की मेडिकल एजेंसी में छत के रास्ते घुसे और बड़े आराम से उन्होंने उसे खंगाला और गल्ले में रखे पांच लाख रुपये नगद चोरी किये और फरार हो गए। चोरी की घटना सीसीटीवी (CCTV) में कैद हो गई है। इसमें दो चोर दिखाई दे रहे हैं। जिसमें से एक चोर का चेहरा मुँह पर कपड़ा ठीक करते समय खुला दिखाई दे रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर चोरों की तलाशी शुरु कर दी है।

खेड़ापति कालोनी निवासी प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि हुजरात कोतवाली थाने की दीवार से लगी उनकी मेडिकल के थोक कारोबार की एजेंसी है जो पवन मेडिकल एजेंसी (Pawan Medical Agency) के नाम से है। हुजरात बैंड मार्केट (Hujrat Band Market) में दयाल बैंड (Dayal Band) के सामने स्थित अपनी एजेंसी को शुक्रवार को वे रात को करीब आठ बजे बंद कर रोज की तरह चले गए। आज सुबह जब वे और उनका भाई पवन जब एजेंसी का ताला खोलकर अंदर पहुंचे तो पूरा सामान और दवाएं बिखरी पड़ी थी। समझते देर नहीं लगी कि चोरी हो गई। जब गल्ले की तरफ देखा तो उसमें रखे पांच लाख रुपये गायब थे। जब चैक किया तो चोर छत के रास्ते एजेंसी में घुसे और कई घंटे तक अंदर रहकर आराम आ चोरी कर फरार हो गए। हालांकि चोरी की वारदात एजेंसी में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। जिसमें दोनों चोर दिखाई दे रहे हैं जिनके हाथ में पिस्टल हैं चोरी के दौरान ही एक चोर का मुँह का कपड़ा ठीक करते समय चेहरा भी दिखाई दे गया है। प्रमोद ने पुलिस में शिकायत करा दी है लेकिन अभी तक चोरों का कोई सुराग नहीं लगा है।

खास बात ये है कि चोरी की ये घटना पुलिस थाने से चंद कदम की दूरी पर और थाने की दीवार से लगी दुकान में हुई है जो पुलिस की गश्त पर सवाल खड़ा रहे हैं साथ ही ये भी बता रही है कि ग्वालियर में बदमाश कितने बेखौफ हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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