भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कार्यवाहक डीएसपी का प्रभारी बनने का सपना देखने वाले निरीक्षकों को झटका लगा है। दरअसल राज्य लोक सेवा आयोग ने 138 ऐसे पदों पर निरीक्षको को कार्यवाहक प्रभार देने से इन्कार कर दिया है। पुलिस विभाग ने इसका प्रस्ताव राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा था।
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राज्य में आरक्षण के मुद्दे को लेकर प्रमोशन पर रोक लगी हुई है लेकिन पुलिस विभाग में प्रभार का पद देकर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की गई थी। इसके अंतर्गत कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को एएसआई, एएसआई को एसआई और एसआई को इंस्पेक्टर यानि निरीक्षक का कार्यवाहक प्रभार सौंपा गया था। पुलिस विभाग ने यह भी प्रस्ताव बनाया था कि 138 खाली पड़े हुए पुलिस उप अधीक्षक यानि डीएसपी पदों पर भी निरीक्षकों को कार्यवाहक प्रभार दे दिया जाए ताकि कार्यप्रणाली संतोषजनक रूप से चलती रहे। गृह विभाग ने यह प्रस्ताव बनाकर राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा था लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग ने इससे इंकार कर दिया है और यह साफ कर दिया है कि 138 उप पुलिस अधीक्षक यानी डीएसपी के पद सिर्फ सीधी भर्ती के माध्यम से ही भरे जाएंगे। इससे उन निरीक्षकों को करारा झटका लगा है जो सीनियर थे और कार्यवाहक डीएसपी बनने के लाइन में थे। पूर्व में विगत माह 138 TI को DSP के पदोन्नति के 138 पदों पर कार्यवाहक बनाए जाने के आदेश जारी हुए थे, उन पर कोई समस्या नहीं है। वे कार्यवाहक DSP बने रहेंगे। मसला 138 सीधी भर्ती के पदों पर TI को प्रभार दिए जाने के नवीन प्रस्ताव का था उसपर MPPSC ने असहमति दी है।