इंदौर, आकाश धोलपुरे। अक्सर आपने खाकी में कुछेक पुलिस जवानों को लोगो से रुपये ऐंठते देखा होगा लेकिन कोरोना महामारी ने हालात बदल दिए है जिसकी एक बानगी एक वायरल वीडियो में देखने को मिली। दरअसल, सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में पहले तो मजदूरों से पूछताछ करता है और फिर अचानक अपनी जेब से निकालकर एक एक मजदूर, महिलाओं और बच्चो को नोट थमाने लगता है। सोशल मीडिया पर जब पुलिस की दरियादिली का ये वीडियो वायरल हुआ तब किसी को ये पता नही था कि ये वीडियो कहा का है और कौन है वो पुलिसकर्मी जो रात के अंधेरे में टिमटिमाती रोशनी के बीच मजदूरों को नोट बांट रहा था।
इस वायरल वीडियो की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि ये वीडियो मध्यप्रदेश में कोरोना के एपिसेंटर बन चुके इंदौर का है और यहां राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में रेती मंडी से द्वारकापुरी को जोड़ने वाले रिंग का ये वीडियो रात करीब 11 बजकर 30 मिनिट का है। दरअसल, ये वीडियो उस वक्त का है जब कोरोना की दूसरी लहर के बीच मजदूरों का पलायन जारी था। इस दौरान ड्यूटी से घर लौट महू में पदस्थ पुलिस जवान ने मजदूरों को पहले रोका और फिर उनसे जाना कि वो कहा जा रहे है तो पता चला कि वो घाटा बिल्लोद में ईंट बनाने और अन्य निर्माण कार्य मे जुटे थे लेकिन कोरोना के कारण उनके मालिक ही उन पर ध्यान नही रहे थे।
लिहाजा, सभी मजदूरों ने एक साथ पैदल ही अपने पुस्तैनी इलाके सागर जिले में जाने के लिए पैदल मार्च शुरू कर दिया। बता उपनगरीय महू के एडीशनल एसपी पुनीत गेहलोद के कार्यालय में पदस्थ जवान संजय सांवरे ने उन दिनों अपनी ड्यूटी अन्नपूर्णा क्षेत्र में दे रहे थे। इस दौरान करीब 30 लोग जिनमे पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे सभी सागर पैदल जा रहे थे लिहाजा, संजय सांवरे ने उन्हें रास्ते मे रोककर उनकी जरूरत पूछी और फिर करीब 2 हजार रुपये की आर्थिक मदद की।
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पुलिस जवान संजय सांवरे ने बताया कि इसके तुरंत बाद वो घर पहुंचे और वहाँ से वो मजदूरों के लिए खाना लेकर निकले इसके बाद आस पास के लोगो ने भी पलायन करने वाले मजदूरों के लिए खाना दिया जिसे लेकर वो सीधे चोइथराम इलाके में पहुंचे और सभी को भोजन भी कराया। बता दे कि मजदूर सुबह 4 बजे से पैदल निकले थे और रात तक के सफर में एक ही बार खाना खाया था लिहाजा पुलिस जवान ने उनकी फिर से खाने की व्यवस्था की। इधर, संजय सांवरे नामक पुलिस जवान ने बायपास तक मजदूरों के लिए वाहन की व्यवस्था भी की।
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की हकीकत सामने आने के बाद पुलिस का एक मानवीय चेहरा संकटकाल के दौरान सामने आया है जिससे अन्य पुलिसकर्मियों के साथ ही सेवा कार्य मे जुटे अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों व अधिकारियों को सीख लेनी चाहिए।