भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। परिवहन आयुक्त कार्यालय (transport commissioner office) ग्वालियर (gwalior) में पदस्थ प्रथम श्रेणी स्टेनो (class one steno) सत्य प्रकाश शर्मा को राजपत्रित (gazetted) दर्जा देकर भर्ती नियमों में शामिल करने का मामला गहरा गया है। अब इस मामले को लेकर जहां प्रदेश के कर्मचारी संगठन इस बात की मांग कर रहे हैं कि सत्य प्रकाश शर्मा के स्तर के सभी कर्मचारियों को इसी प्रकार भर्ती नियम (recruitment rules) में शामिल किया जाए जिस प्रकार शर्मा को शामिल किया गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के विधायक (congress mla) प्रवीण पाठक (pravin pathak) ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान (chief minister shivraj singh chauhan) को एक पत्र लिखकर इस तरह की मांग की है।
पाठक का कहना है कि पूरे प्रदेश के अंदर केवल सत्य प्रकाश शर्मा के लिए इस तरह का नियम बनाना न्याय संगत नहीं है और यदि सत्य प्रकाश शर्मा की तरह प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह भर्ती नियमों में शामिल किया जाता है तो इससे करीब 5 से 6 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा। पाठक ने यह भी किया है कि यदि ऐसा संभव नहीं है तो सत्य प्रकाश शर्मा के प्रकरण में किए गए प्रावधान को भी समाप्त कर उन्हें उपकृत करने का जो कार्य किया गया है उसे निरस्त किया जाये।
दरअसल यह मामला तब प्रकाश मे आया था जब कांग्रेस विधायक और सामान्य प्रशासन मंत्री रह चुके डॉ गोविंद सिंह dr.govind singh ने इस बात का खुलासा किया था कि सत्य प्रकाश शर्मा को राजपत्रित दर्जा देकर भर्ती नियमों में शामिल करने की फाईल जब उनके पास आई थी तो उन्होंने उसे वापस लौटा दिया था क्योंकि यह न्याय संगत नहीं था। इतना ही नहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भी सत्य प्रकाश शर्मा को भर्ती नियमों में शामिल कहने करने का विरोध किया था।
बावजूद इसके शर्मा को भर्ती नियमों में शामिल कर लिया गया जिससे शर्मा का आरटीओ पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो सके। इस बारे में प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत govind singh rajput ने अनभिज्ञता जताई थी और मामले के संज्ञान में आने पर जांच कराने की बात की थी। डॉक्टर गोविंद सिंह तो यहां तक कह चुके हैं कि यदि सरकार ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो इस मामले में वे विधानसभा में अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।