भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में हर चुनाव (election) से पूर्व बीजेपी (bjp) द्वारा मिशन तैयार किया जाता है। उसी मिशन (mission) के तहत चुनाव की गतिविधियों को संचालित किए जाते हैं। अब इसी बीच आगामी नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव (Urban body elections and Panchayat elections) को लेकर बीजेपी द्वारा प्रदेश में मिशन त्रिशूल (Mission trishul) की एंट्री करवाई जा रही है।
दरअसल नगरीय निकाय चुनाव में जुटी बीजेपी चुनाव जीतने के लिए त्रिशूल नाम का एक मिशन तैयार किया है। इस मिशन के तहत बीजेपी ने सत्ता, संगठन और जनप्रतिनिधि तीनों को मिलाकर चुनावी जीत की योजना तैयार की है। जिसके बलबूते बीजेपी नगरिया निकाय चुनाव में 50 फीसद से अधिक वोट बटोरने चाहती है।
वहीं इस मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बीजेपी नेता हितेश वाजपेई (hitesh bajpayee) ने बताया कि इस मिशन के जरिए सत्ता और संगठन में समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा जनप्रतिनिधि द्वारा बिखरे गए वोटरों को संभाला जाएगा। इसके साथ ही साथ जनता को बीजेपी की कार्यशैली से अवगत कराया जाएगा। बीजेपी ने इस ‘मिशन त्रिशूल’ के लिए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर मास्टर स्ट्रोक (masterstroke) खेला है।
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दूसरी तरफ बीजेपी के इस मिशन त्रिशूल पर कांग्रेस (congress) ने तंज कसा है। बीजेपी के अवसर पर बोलते हुए कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल (manak agarwal) ने कहा कि चुनाव के लिए एक और जुमला बीजेपी ने तैयार कर लिया है। मानक अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी हर चुनाव में एक नया जुमला तैयार करती है। लेकिन मध्य प्रदेश की जनता लगातार बीजेपी के इस जुमले की हवा निकालती रहती है। मिशन त्रिशूल का भी वही हाल होना है।
बता दे कि प्रदेश में अब तक कुल 6 नगर निगम है। जिसमें फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। वह बीजेपी कलेक्शन इस नगरीय निकाय में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर अधिक से अधिक नगर निगम पर कब्जा करने की होगी। बीजेपी द्वारा लगातार कार्यशैली में बदलाव किया जा रहा है। इसके साथ ही साथ आगामी चुनाव को देखते हुए पार्टी हाईकमान भी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर समन्वय स्थापित कर वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में लगी है।
ज्ञात हो कि यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी ने किसी मिशन की शुरुआत की है। चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा अपनी कार्यशैली के क्रियान्वयन के लिए लगातार मिशन तैयार किए जाते हैं। विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी नमः शिवाय मिशन (namah shivay mission) के साथ मैदान में उतरी थी। वहीं उपचुनाव में शिव-ज्योति एक्सप्रेस (shiv-jyoti express) के जरिए बीजेपी ने चुनावी प्रक्रिया शुरू की थी। अब ऐसी स्थिति में आगामी नगरीय निकाय चुनाव पंचायत चुनाव में यह त्रिशूल बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद रहता है। यह देखना दिलचस्प होगा।