भोपाल।
मध्यप्रदेश में कोरोना(corona) के बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन (Lockdown) लागू है। इसी बीच केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद शिवराज सरकार ने शराब बिक्री की सशर्त अनुमति दी है। जिसके बाद होशंगाबाद(hoshangabad) जिले से एक अच्छी खबर सामने आयी है। जहाँ शराब खरीदने आ रहे ग्राहकों के उंगलियों पर चुनाव में मतदान के दौरान प्रयोग होने वाले अमिट स्याही के निशान लगाए जा रहे हैं। शराब विक्रेता द्वारा ये व्यवस्था इसलिए लागू की गयी है ताकि खरीददार सिर्फ एक बार ही शराब की दुकान पर जा सकेंगे। इसी के साथ ग्राहकों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री भी संभाली जाएगी।
दरअसल प्रदेश में जब शराब की दुकानें खोलने का निर्णय हुआ था। उस समय हर जिले के कलेक्टर ने अपने अपने हिसाब से शराब की दुकानें 5 से 6 घंटे खोलने का निर्णय लिया था। जिसके विरोध में शराब व्यवसायियों ने दुकानें बंद रखने और उसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने का निर्णय लिया । इसके बाद आनन-फानन में सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब शराब की दुकाने 12 घंटे के लिए खुलेंगी। इसी बीच मध्यप्रदेश लिकर एसोसिएशन(madhyapradesh liquor association) के प्रवक्ता राहुल जायसवाल ने कहा कि शराब की दुकानों पर ग्राहकों की अंगुली में स्याही लगाने को लेकर अभी कोई आदेश नहीं आया है। उन्होंने बताया कि न तो मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा आदेश दिया है और न ही एसोसिएशन ने इसको लेकर कोई निर्देश जारी किया है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन इस तरह की व्यवस्था लागू कर रहा है, तो यह और बात है. एसोसिएशन को इस तरह के आदेश की कोई जानकारी नहीं है।
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 5 मई से ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में शराब दुकान खोलने की मंजूरी दी थी। इस निर्णय के बाद शराब ठेकेदारों ने अपनी समस्याओं के कारण 5 मई से दुकान नहीं खोली। 6 मई को एक बार फिर शराब ठेकेदारों की आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दुकानें खोलने का फैसला किया गया था। हालांकि रेड जोन ((red zone) में आने वाले भोपाल (bhopal) इंदौर (indore) और उज्जैन (ujjain) जिले में अभी शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी । वहीं रेड जोन के अन्य क्षेत्रों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों (rural area) की दुकानें खोली जाएंगी, ऑरेंज जोन (orange zone) में कंटेनमेंट एरिया (containment area) को छोड़कर शहरी और ग्रामीण सभी दुकानें खुल गयी हैं। जबकि ग्रीन जोन (green zone) में सारी शराब की दुकानें खोली जाएंगी। सरकार का तर्क है कि अप्रैल से लेकर अब तक उसे अट्ठारह सौ करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है, हालांकि अन्य राज्यों में शराब की दुकानें खुलने के बाद शराब दुकानों पर उमड़ी भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) की उड़ी धज्जियो ने यह बता दिया है कि शराब की दुकान खोलना किसी भी प्रकार से जनहित में नहीं है और यह कोरोना (corona) संक्रमण फैलाने में एक महत्वपूर्ण तत्व साबित हो सकता है। उसके बावजूद राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए सरकार यह निर्णय लेने जा रही है।