भोपाल।
लॉक डाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को लेकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और बिहार जा रही 15 विशेष ट्रेनों के चक्के शुक्रवार को कई घंटों के लिए थम गए। श्रमिक ट्रेनें शुक्रवार सुबह से शाम तक भुसावल से खंडवा के बीच 8 अलग-अलग स्थानों पर इसलिए खड़ी रहीं क्योंकि उन्हें भोपाल से सिग्नल नहीं मिल रहे थे। ऐसे में चिलचिलाती धूप में जब मजदूरों को खाना-पीना नहीं मिला, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। कुछ श्रमिकों ने स्टेशन पर बांटने के लिए रखी पानी की बोतलों की क्रेट भी लूट ली।
दरअसल मुंबई से पटना जा रही नॉन-स्टॉप श्रमिक एक्सप्रेस सिग्नल नहीं मिलने के कारण शुक्रवार सुबह 8 बजे खंडवा स्टेशन पर खड़ी हो गई थी। खंडवा से लेकर भुसावल तक हर छोटे-बड़े स्टेशन के थे। जहां मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत से मजदूरों को लेकर यूपी और बिहार जाने वाली 24 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें 4 से 10 घंटे खड़ी रहीं। जिससे भूख-प्यास से व्याकुल श्रमिकों में आक्रोश था। परमिट मिलने में देरी से खंडवा स्टेशन से होकर गुजरने वाली करीब छह ट्रेनों को रवाना होने में औसतन तीन घंटे का अधिक समय लगा। अधिकारी नियमों का हवाला देकर कुछ भी उपलब्ध नहीं करा सके। जिसके बाद खंडवा स्टेशन पर हंगामे की खबर मिलने पर कलेक्टर ने मजदूरों को खिचड़ी बंटवाई। निगम द्वारा पानी के टैंकर भी पहुंचाए गए। कई श्रमिकों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने 700 रुपए का टिकट दलालों से दो-दो हजार रुपए में खरीदा है।
दूसरी तरफ भोपाल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्धीकी ने कहा कि हमारे यहां से कोई सिग्नल नहीं रोका गया। गड़बड़ी की जांच की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देश के बाद देश में लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेन अन्य राज्यों से श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचा रही है।