पिछले कुछ दिनों में टमाटर की बढ़ती कीमतों से आम लोग बेहद परेशान नजर आए हैं। वहीं उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार ने 65 रुपये प्रति किलो टमाटर बेचने का अब बड़ा निर्णय किया है। जानकारी के अनुसार यह बिक्री नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF), नाफेड (NAFED), और सफल (Safal) के रिटेल आउटलेट्स के साथ-साथ मोबाइल वैन के जरिए भी की जाने वाली है।
दरअसल खासतौर पर दिल्ली और आसपास के इलाकों में सरकार की इस योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में और इसके आसपास के इलाकों में टमाटर की कीमतों में भारी वृद्धि सामने आई है। हालांकि एक तरफ देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है, वहीं दूसरी ओर महंगाई की मार लोगों को झेलना पड़ रही है।
क्यों बढ़े टमाटर के इतने दाम (tomato prices)?
दरअसल बेमौसम बारिश ने भी देशभर में टमाटर की फसलों को खराब कर दिया है जिससे कई किसानों को नुकसान हुआ है। वहीं इस वजह से अब टमाटर की आपूर्ति में कमी देखने को मिली है। वहीं इस सप्लाई की कमी ने बाजार में टमाटर की कीमतों को आसमान छूने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल जानकारी दे दें कि टमाटर के दाम, कुछ समय पहले तक 20 से 30 रूपए प्रति किलो बताए जा रहे थे वह अब 100 रूपए प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं।
वहीं उपभोक्ताओं के बजट पर टमाटर ने बड़ी मार मारी है। दरअसल सरकारी आंकड़ों के मानें तो, अक्टूबर में टमाटर की कीमतों में लगभग 39% की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जानकारी दे दें कि जहां सितंबर में टमाटर की औसत कीमत 44 रुपये प्रति किलो थी, वहीं अक्टूबर में यह बढ़कर 62 रुपये प्रति किलो हो गई।
वेज थाली की कीमत बढ़ी, नॉन वेज की कीमत घटी
दरअसल रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट की मानें तो, सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण वेजिटेरियन थाली की लागत में भी तकरीबन 11% की वृद्धि देखी जा रही है। जानकारी के अनुसार, नॉन-वेज थाली की कीमत में कमी देखी जा रही है, इसमें 2% की कमी आई है। वहीं इससे पहले की बात करें तो जब टमाटर की कीमतों में उछाल देखा गया था, उस दौरान सरकार ने भी इसी तरह का कदम उठाते हुए टमाटर 60 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा था, जिससे कीमतों को नियंत्रित किया गया था।