Damage Note: होली में नोटों के रंग बिरंगे हो जाने पर ना हों परेशान, ये है RBI का नियम

अगर होली के दिन किसी जरूरी काम से निकलते हैं और कोई आपके ऊपर रंग डाल देता है, जिससे आपके जेब में रखी नोट भी रंग बिरंगी हो जाती है तो परेशान ना होएं।

Shashank Baranwal
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RBI Rule On Coloured Notes: होली का त्यौहार सोमवार को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन लोग बाल्टियों और पिचकारियों में रंग भरकर खेलते हैं। वहीं परेशानी उन लोगों को हो जाती है जो किसी जरूरी काम से होली के दिन निकलते हैं। ऐसे में पहले लोग रंग लगाते हैं और फिर कहते हैं बुरा ना मानों होली है। इस दौरान जेब में रखे नोट रंगों के पड़ने के कारण रंग बिरंगे हो जाते हैं, जिसकी वजह से दुकानदार नोटों को लेने से मना कर देतें हैं। ऐसे में लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है या कभी हो तो रंगीन नोटों को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम क्या हैं, इसको जरूर जान लें।

रंग बिरंगे नोट

अगर होली के दिन किसी जरूरी काम से निकलते हैं और कोई आपके ऊपर रंग डाल देता है, जिससे आपके जेब में रखी नोट भी रंग बिरंगी हो जाती है तो परेशान ना होएं। दुकानदार इन नोटों को लेने से मना नहीं कर सकता है, क्योंकि RBI का नियम है कि रंग बिरंगे नोटों कोई भी दुकानदार या संस्था लेने से मना नहीं कर सकता है।

पानी से फट जाएं नोट तो क्या करें?

अगर होली के समय पानी पड़ने से नोट फट जाते हैं तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप किसी भी नजदीकी बैंक में जाकर फटे और मुड़े हुए नोटों को बदलवा सकते हैं। इसके लिए बैंक द्वारा कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। साथ ही आप उस बैंक का ग्राहक हैं या नहीं ये भी जरूरी नहीं है।

इतने मिलते हैं पैसे

फटे हुए नोटों के वापसी पर कितने पैसे मिलेंगे यह उस नोट की हालत पर निर्भर होती है। मान लीजिए आपका 200 रुपए का नोट फट गया है और उसको बैंक में वापस कराने के लिए गए हैं तो अगर नोट फटने के बाद 78 वर्ग सेंटीमीटर बचा है तो उसका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। वहीं 39 वर्ग सेंटीमीटर ही बचा है तो उस नोट का आधा पैसा वापस होगा।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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