आज भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण दिन रहा, दरअसल दो प्रमुख कंपनियों, Firstcry और Unicommerce Solutions, ने अपने IPO (Initial Public Offering) के साथ बाजार में कदम रख दिया है। बता दें कि इन कंपनियों की लिस्टिंग ने निवेशकों को शानदार लाभ प्रदान किया और बाजार में एक नया उत्साह भर दिया है। चलिए, विस्तार से देखते हैं कि इन दोनों कंपनियों ने अपने निवेशकों को कैसे अप्रत्याशित लाभ प्रदान किया है और इसके पीछे के प्रमुख कारण क्या रहे।
दरअसल Firstcry, जो बच्चों के उत्पादों के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम है, ने आज अपने IPO की प्रभावशाली लिस्टिंग के साथ शेयर बाजार में कदम रखा है। जानकारी के अनुसार कंपनी के शेयर बीएसई पर 625 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए, जो कि 34.78% प्रीमियम को दर्शा रहा है।
Congratulations to “Brainbees Solutions Limited” on getting listed on NSE today. Brainbees Solutions Limited offers products for mothers, babies, and Kids via its online platform ‘First Cry’. The Public issue was of INR 4,193.73 Cr.#NSEIndia #listing #IPO #StockMarket… pic.twitter.com/rZS21rEUKK
— NSE India (@NSEIndia) August 13, 2024
प्राइस बैंड 465 रुपये प्रति शेयर था
वहीं आपको जानकारी दे दें कि IPO के लिए निर्धारित प्राइस बैंड 465 रुपये प्रति शेयर था। जबकि इस लिस्टिंग से उन निवेशकों को प्रति शेयर 160 रुपये का लाभ हुआ जिन्होंने Firstcry में निवेश किया था। यह मुनाफा उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हुआ जिन्होंने बाजार के अन्य विकल्पों की तुलना में Firstcry को चुना।
IPO के माध्यम से 4194 करोड़ रुपये जुटाए
दरअसल Firstcry की पेरेंट कंपनी, ब्रेनबी सॉल्यूशंस (Brainbees Solutions), ने अपने IPO के माध्यम से 4194 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसमें 1666 करोड़ रुपये का नया इश्यू और 2528 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल शामिल था। जानकारी के अनुसार कंपनी के प्रभावशाली व्यापार मॉडल और बाजार में उसकी मजबूत उपस्थिति के कारण इस IPO ने काफी चर्चा बटोरी और निवेशकों का उत्साह इसकी और बढ़ाया है। दरअसल ग्रे मार्केट में पहले से ही इसके शेयरों की भारी मांग थी, और IPO के 12.22 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ इसकी शानदार लिस्टिंग की उम्मीदें मजबूत हो गई थीं।
बता दें कि Firstcry का IPO 12.22 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसमें क्वालिफाइड इंस्टीटूशनल बायर्स (QIB) ने 19.30 गुना, नॉन इंस्टीटूशनल इनवेस्टर्स (NII) ने 4.68 गुना, और रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा 2.31 गुना भरा गया था।