Hindenburg case: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के एक साल बाद, अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने एक लेटर के माध्यम से इसका जवाब दिया है। उन्होंने इस अनुभव को महत्वपूर्ण सबक सिखाने वाला बताया है और रिपोर्ट में दिए गए आरोपों को ‘निराधार’ बताया है।
गौतम अडाणी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को लिखे गए एक लेटर में एक साल पुराने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट मामले पर अब अपना अनुभव साझा किया है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि उस समय उनके खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप कोई नई बात नहीं थी और इसलिए व्यापक जवाब जारी करने के बाद, उन्होंने इसके बारे में और कुछ नहीं सोचा। आपको बता दें की हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में भारत के सबसे अमीर व्यापारी गौतम अडानी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।
क्या बोले गौतम अडानी :
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा है कि उनकी कंपनियों के प्रदर्शन से ही पता चलता है कि आरोप ‘निराधार’ थे और इसीलिए उन्होंने इसे गंभीर विषय न समझते हुए इसे जल्द ही भुला दिया है। उन्होंने बताया कि हालांकि इस अनुभव ने कंपनी को महत्वपूर्ण सबक सिखाया है और उन्होंने अपने स्टाफ को सुरक्षित रखने और उनकी आत्म-संरक्षण के लिए नई दिशा दी है।
SEBI की जांच:
दरअसल 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे।जिसके बाद यह केस की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय टीम का गठन किया था। साथ ही गौतम अडानी की कंपनी पर इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के लिए कहा गया था।