काम की खबर: क्रेडिट कार्ड का करते हैं इस्तेमाल तो जान लें RBI के ये 7 नियम, बढ़ेगी सुरक्षा, नहीं होगा नुकसान 

आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ नियम निर्धारित किए हैं। जिनका पालन बैंकों को करना पड़ता है।

Manisha Kumari Pandey
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Credit Card Rules: देश की बड़ी आबादी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करती है। यह लोगों की मदद कैश क्राइसिस के दौरान करता है। समान या सर्विस की खरीदारी करने के लिए यूजर्स उधार ले सकते हैं। बाद में भुगतान कर सकते हैं। यूजर्स को बैंक या एनबीएफसी अन्य कई सुविधाओं का लाभ भी देते हैं। यदि आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं या भविष्य में क्रेडिट कार्ड सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए कुछ नियमों की जानकारी रखना जरूरी है।

आरबीआई  ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स की सुरक्षा के लिए कई नियम निर्धारित किए हैं।  इन नियमों के जरिए यूजर्स अपने अधिकारों को समझ सकते हैं। जिसके परिणाम अवरूप प्राइवेसी और सुरक्षा भी बढ़ती है। डेटा लीक और फ्रॉड जैसे मामलों से बचाव भी होता है। आइए एक नजर इन नियमों पर डालें-

बैंक नहीं लगा सकते अधिक ब्याज (Credit Card Interest)

नियमों के तहत बैंक और एनबीएफसी को क्रेडिट कार्ड अधिक ब्याज या छिपी हुई फीस वसूलने की अनुमति नहीं होती। इंटरेस्ट रेट ट्रांसपेरेंट और सही होना चाहिए। जारीकर्ता के लिए ब्याज और अन्य फीस के लिए एक अधिकतम दर निर्धारित होती है। हालांकि ग्राहकों को सूचित करके पेमेंट हिस्ट्री के हिसाब से बैंक अलग-अलग ब्याज दर वसूल सकते हैं।

जारीकर्ता के लिए ग्राहकों की प्राइवसी जरूरी (RBI Rules)

यूजर्स की पहचान और प्राइवेसी की रक्षा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। बैंक या एनबीसी क्रेडिट कार्ड यूजर्स के सहमति के बिना इससे जुड़ी  जानकारी को रिवील नहीं कर सकते। साथ ही यूजर्स की जानकारी का इस्तेमाल मार्केटिंग उद्देश्यों के लिए भी करने की अनुमति नहीं होती। यूजर्स को सूचित करने के बाद उसे डिफॉल्ट घोषित किया जा सकता है। बिलों के भुगतान के लिए नोटिस पीरियड भी देना अनिवार्य होता है।

क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट से जुड़े नियम 

समय पर और सही तरीके से क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट करने की जिम्मेदारी बैंक और एनबीएफसी की होती है। यूजर्स द्वारा गलत बिल प्राप्त करने पर जारीकर्ता को दस्तावेजी साक्ष्य के साथ  स्पष्टीकरण देना भी अनिवार्य होता है। इस मामले को निपटाने के लिए उनके पास 60 दिनों का समय होता है।

Debt कलेक्शन के जुड़े नियम

ऋण एकत्र (Debt Collection) के दौरान भी बैंक और एनबीएफसी को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।  ग्राहक सेवा की गुणवत्ता के साथ समझौता करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है। आउटसोर्स डेप्ट कलेक्शन पर भी नियम लागू होता है। जारीकर्ता या थर्ड पार्टी को ग्राहकों से ऋण संग्रह के दौरान दुर्व्यवहार करने की अनुमति नहीं होती। ग्राहकों की प्राइवेसी का उल्लंघन भी बैंक या एनबीएफसी नहीं कर सकते। हिंसा, धमकी और अन्य गलत तरीके से भी कलेक्शन करना नियमों के खिलाफ है।

प्राइवसी का उल्लंघन होने पर बैंक को देना होगा जुर्माना

बैंक या एनबीएफसी यदि गलती से यूजर्स को सूचित किए बिना कोई कार्ड जारी करता है तो ऐसे में जारीकर्ता  को जुर्माना भी देना पड़ सकता है। कारवाई वापस लेनी पड़ती है। जुर्माना वापस किए गए शुल्क के मूल्य का डबल भी हो सकता है। ग्राहकों की सहमति के बिना अनचाहा कार्ड जारी करने की अनुमति भी नहीं होती।

क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के लिए यूजर्स की अनुमति जरूरी

क्रेडिट कार्ड  क्रेडिट कार्ड को अपग्रेड करने के लिए भी बैंक और एनबीएफसी यूजर्स को सूचित करना होता है। क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के लिए यूजर्स की सहमति की आवश्यकता पड़ती है।

 बिना अनुमति कॉल या मैसेज करने की अनुमति नहीं

बैंक और एनबीएफसी को “डू नॉट कॉल” रजिस्ट्री का पालन करना अनिवार्य है। इस लिस्ट में उन क्रेडिट कार्ड यूजर्स का कॉन्टैक्ट होता है, जिन्हें मार्केटिंग मैसेज या कॉल प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जाती।


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