टीसीएस के कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर! कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी में किए बड़े बदलाव

यदि आप टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) में एक कर्मचारी हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। दरअसल, टीसीएस ने कर्मचारियों के लिए अटेंडेंस में सख्ती लाते हुए अपनी वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी में कुछ अहम बदलाव किए हैं।

Rishabh Namdev
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टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस), जो नोएल टाटा के नेतृत्व वाली कंपनी है, अब अपने कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है। दरअसल, कंपनी ने अपनी वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी में यह बदलाव किया है। प्रमुख रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने अपने वर्कर्स के लिए अटेंडेंस को और सख्त कर दिया है और वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी में बदलाव किया है। अब कर्मचारियों को एंट्री डेटलाइन और बैकएंड प्रोसेस में बदलाव के साथ-साथ पर्सनल इमरजेंसी डे में एडजस्टमेंट की जरूरत होगी।

यानी अब यदि किसी कर्मचारी को पर्सनल इमरजेंसी के तहत छुट्टी लेनी है, तो वह 3 महीने में सिर्फ 6 दिन ही ले सकता है। इसके साथ ही, यदि पर्सनल इमरजेंसी डे का उपयोग नहीं किया जाता, तो उसे अगली तिमाही में फॉरवर्ड किया जा सकता है।

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एक्सेप्शन एंट्री में भी बदलाव किए गए

इसके अलावा, एक्सेप्शन एंट्री में भी बदलाव किए गए हैं। दरअसल, स्पेस की कमी के कारण कर्मचारी सिंगल एंट्री में अधिकतम 30 रिक्वेस्ट सबमिट कर सकते हैं। अगर सिंगल एंट्री में नेटवर्क से जुड़ी समस्याएं आती हैं, तो अब एक बार में ज्यादा से ज्यादा पांच बार ही लॉगिन किया जा सकता है। इसके साथ ही, यदि यह रिक्वेस्ट 10 दिनों के भीतर सबमिट नहीं की जाती है, तो इसे ऑटोमैटिकली रिजेक्ट कर दिया जाएगा। बैकडेटेड एंट्री की अनुमति सिर्फ वर्किंग डे के आखिरी दो दिनों के लिए होगी। ऐसे में, वर्क फ्रॉम होम की मिसिंग एंट्री के लिए अब अगले महीने की 5 तारीख तक आवेदन किया जा सकेगा।

टीसीएस पहले ही 5-डे अटेंडेंस पॉलिसी को लॉन्च कर चुका है

वहीं, टीसीएस पहले ही 5-डे अटेंडेंस पॉलिसी को लॉन्च कर चुका है। दरअसल, यदि दूसरी आईटी कंपनियों पर नजर डालें, तो वहां 3-डे अटेंडेंस पॉलिसी होती है, यानी एक हफ्ते में तीन दिन तक ऑफिस में अटेंडेंस देनी होती है। लेकिन टीसीएस पहले ही अपने कर्मचारियों के लिए 5-डे अटेंडेंस पॉलिसी लागू कर चुका है, यानी कर्मचारियों को एक हफ्ते में 5 दिन तक ऑफिस से काम करना होगा।

दरअसल, टीसीएस के एचआर हेड मिलिंद लक्कड़ ने यह साफ कर दिया है कि लीडर्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपने वर्कर्स के लिए एक अच्छा माहौल बनाएं, एक-दूसरे के साथ अच्छे से काम करें और अपने आपको मोटिवेट रखने के साथ-साथ उन्हें भी मोटिवेटेड रखें।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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