income tax return: फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन बीते दिन 31 जुलाई को समाप्त हो गई है। वहीं अब जो भी टैक्सपेयर इस तारीख के बाद अपना रिटर्न फाइल करेगा, उसे लेट फीस का सामना करना पड़ेगा। सरकार ने लेट फीस के रूप में पेनल्टी का प्रावधान किया है, जिससे देरी से फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाना होगा।
जानें कितनी होगी लेट फीस?
दरअसल लेट फीस के नियम टैक्सपेयर की सालाना आय के आधार पर निर्धारित किए गए हैं। यदि किसी टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपए से अधिक है, तो उसे 5,000 रुपए की लेट फीस देनी होगी। वहीं, यदि टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपए से कम है, तो उसे 1,000 रुपए की लेट फीस का भुगतान करना होगा।
टैक्स स्लैब के अनुसार कर निर्धारण दो प्रकार के इनकम टैक्स रिजीम के तहत किया जाता है:
दरअसल पुराना टैक्स रिजीम और नया टैक्स रिजीम, दोनों में आय के आधार पर टैक्स की दरें भिन्न होती हैं। पुराने टैक्स रिजीम में, 2.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, 2.5 से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5%, 5 से 10 लाख रुपए तक की आय पर 20%, और 10 लाख रुपए या उससे अधिक की आय पर 30% टैक्स लगाया जाता है।
वहीं, नए टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, 3 से 6 लाख रुपए तक की आय पर 5%, 6 से 9 लाख रुपए तक की आय पर 10%, 9 से 12 लाख रुपए तक की आय पर 15%, 12 से 15 लाख रुपए तक की आय पर 20%, और 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30% टैक्स निर्धारित किया गया है।
रिटर्न फाइल करने के अन्य महत्वपूर्ण पहलू
बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी टैक्सपेयर को कुछ राहतें उपलब्ध होती हैं, लेकिन लेट फीस के अतिरिक्त अन्य पेनल्टी का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि टैक्सपेयर समय पर अपने रिटर्न फाइल करें ताकि अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचा जा सके।