RBI Bulletin: गुरुवार यानि आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी मासिक बुलेटिन को जारी कर दिया है। जिसमें महंगाई को लेकर राहत भरी जानकारी दी गई है। बुलेटिन के मुताबिक महंगाई दर को आरबीआई द्वारा तय की गई लिमिट के दायरे में देखा जा रहा है। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। वहीं देश का चालू खाता घाटा भी इस वित्त वर्ष अतिरिक्त हिस्सों में कम हो सकता है। राहत भरी खबर यह है कि हाल ही में मॉनीटरी पॉलिसी कमिटी ने महंगाई दर को 6 फीसदी से नीचे लाने वाले टारगेट को पूरा कर लिया है।
3.7 ट्रिलियन डॉलर तक होगी वित्त वर्ष 2023 की इकॉनोमी
बुलेटिन के मुताबिक भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.5 तक पहुँच सकती है। इसके साथ वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी तक जा सकता है, ऐसे अनुमान भी लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2027 तक भारत की इकॉनोमी 5 ट्रिलियन डॉलर (1 ट्रिलियन डॉलर 1 लाख करोड़ डॉलर के बराबर होता है) तक जा सकती है। वहीं मौजूद वितवर्ष में इकॉनोमी 3.7 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य पूरा कर सकती है। बता दें कि लगातार 3 महीनों से महंगाई दर में गिरावट आ रही है। हाल ही में जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक महंगाई 5.72 फीसदी दर्ज की गई थी, जो आरबीआई के दायरे में था।
आरबीआई के कंट्रोल में महंगाई दर
हालांकि आरबीआई की बुलेटिन सेंट्रल बैंक के विचारों का वर्णन नहीं करती है। लेकिन इससे कई मुद्दों को लेकर जरूरी संकेत मिलते हैं। केन्द्रीय बैंक को भारत सरकार ने महंगाई दर 2 -6 फीसदी के बीच रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें पिछले कुछ महीनों से आरबीआई सफल भी हो रहा है। दिसंबर 2022 में महंगाई दर पिछले साल में सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी थी, जिसके आँकड़े 5.72 प्रतिशत थे। वहीं पिछले 2 महीनों से खुदरा मंहगाई दर सेंट्रल बैंक के कंट्रोल में देखा गया है।