Mon, Dec 29, 2025

Paytm पर RBI ने लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए इसकी वजह

Written by:Atul Saxena
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Paytm पर RBI ने लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए इसकी वजह

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Paytm पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।  RBI ने Paytm पर ये जुर्माना भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धाराओं का उल्लंघन करने पर लगाया है।  इसी के साथ RBI ने  वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज इंक (WUFSI) पर भी नियमों का उल्लंघन करने पर बड़ा जुर्माना लगाया है।

जानकारी के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक एक 01 अक्टूबर 2021 के एक आदेश के आधार पर Paytm पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (PSS Act) की धारा 26 (2) में वर्णित एक अपराध के लिए 1 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का जुर्माना लगाया है।

बताया गया है कि प्राधिकरण के अंतिम प्रमाण पत्र (CoA) जारी करने के लिए पीपीबीएल  (PPBL) के आवेदन की जांच करने पर RBI ने यह पाया कि पीपीबीएल (PPBL) द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी तथ्यात्मक स्थिति को नहीं दर्शाती थी। चूंकि यह पीएसएस अधिनियम  (PSS Act) की धारा 26 (2) में उल्लिखित स्वरूप का अपराध था इसलिए पीपीबीएल (PPBL) को एक नोटिस जारी किया गया था। लिखित उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई (RBI) इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इसलिए जुर्माना लगाया जाना आवश्यक है।

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इसी तरह RBI ने 7 अक्टूबर 2021 के आदेश के आधार पर एक क्रॉस बॉर्डर मनी ट्रांसफर सर्विस ऑपरेटर वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज इंक (WUFSI)  को 22 फरवरी 2017 के धन अंतरण सेवा योजना (MTSS) के नियमों का उल्लंघन करने पर 27,78,750 रुपये का जुर्माना लगाया है।

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बताया गया है कि (WUFSI) ने 2019 और 2020 के दौरान प्रति लाभार्थी 30 प्रेषण की सीमा के उल्लंघन की घटना सूचित की थी और उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए एक आवेदन दायर किया था। व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और कंपाउंडिंग आवेदन पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि नियम उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाना आवश्यक है।

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RBI ने कहा कि दोनों सर्विसेस पर लगे जुर्माने पीएसएस अधिनियम (PSS Act) की धारा 30 और धारा 31 के प्रावधानों के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाए गए हैं । यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित हैं और इसका दोनों कंपनियों द्वारा उनके ग्राहकों से किये गए किसी भी लेनदेन से कोई सरोकार नहीं हैं।