RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पाँच बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सभी बैंकों पर लाखों का जुर्माना ठोका है। इस लिस्ट में महाराष्ट्र के 4 बैंक शामिल हैं। आरबीआई ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 ने विभिन्न धाराओं के तहत यह एक्शन लिया है।
इस लिस्ट में नाबापल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सिंधुदुर्ग जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र, कोल्हापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, द मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पुणे) और कोयाना सहकारी बैंक लिमिटेड (कराड महाराष्ट्र) शामिल है।
आखिर आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम? (RBI Monetary Penalty)
- सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड ने निदेशकों को लोन प्रदान किया। जांच के दौरान आरोपी की पुष्टि होने के बाद आरबीआई ने 2 लाख रुपये जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया
- कोल्हापुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी लोन से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक कुछ लोन खातों को गैर निष्पादित परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा।
- नाबापल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1.10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के विरुद्ध भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक द्वारा प्रशासित एमएससी पुनर्वित कोष में एक निश्चित राशि जमा करने में विफल रहा।
- कोयना सहकारी बैंक पर भी लोन से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- मुस्लिम सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। यह बैंक ऐसे खातों की वार्षिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिनमें एक साल से अधिक समय से कोई परिचालन नहीं हुआ है। इसके अलावा ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने के लिए चार्ज लगाने के बारे में सूचित नहीं किया और चार्ज की कटौती भी की।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव (Reserve Bank of India)
बैंकों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का प्रभाव ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा। इस बात की पुष्टि खुद आरबीआई ने की है। केन्द्रीय बैंक ने कहा, “यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेने या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।”