RBI Imposed Penality: आरबीआई ने इन 6 बैंकों पर लगाया भारी जुर्माना, ये है वजह, पढ़ें पूरी खबर

rbi action

RBI Imposed Penality: नियमों का उल्लंघन करने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अक्सर बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाता रहता है। कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने अलग-अलग वजह को लेकर चार बैंकों पर जुर्माना लगाया था। एक बार फिर केन्द्रीय बैंक ने सख्त कदम उठाया है और 6 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने 2 मई को रिपोर्ट जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है।

इस लिस्ट में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अंबरनाथ जयहिन्द को-ऑपरेटिव बैंक, नागरिक सहकारी बैंक, धुले और नंदुरबार जिल्हा सरकारी नोकारांची सहकारी बैंक, सुवर्णयुग सहकारी बैंक, द बँट्रा को-ऑपरेटिव बैंक   (The Bantra Co-operative Bank) शामिल हैं।

नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (Supervisory Action Framework) के तहत आरबीआई ने बैंक को लोन और अग्रिमों की मंजूरी को रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद बैंक ने नए लोन और एडवांस की मंजूरी से संबंधित नियमों का पालन नहीं किया। इसलिए आरबीआई ने बैंक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

द बँट्रा को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा इंटर-बैंक, सकल और प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का उल्लंघन किया गया है। साथ ही बैंक अपने जोखिम वर्गीकरण की Periodic Review करने में विफल रहा है। इसलिए केन्द्रीय बैंक ने इसपर 30,000 रुपये का जुर्माना ठोका है।

सुवर्णयुग सहकारी बैंक कमी की सीमा के अनुपात की बजाए सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम शेष राशि के रखरखाव में कमी के लिए तय दंड शुल्क जमा कर रहा था। बैंक प्रभाव की नोटिस दिए बिना यह काम कर रहा रहा। इसलिए आरबीआई ने इसपर 1 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई है।

धुले और नंदुरबार जिल्हा सरकारी नोकारांची सहकारी बैंक खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा। साथ ही ग्राहकों के केवाईसी अपडेट से संबंधित नियमों का पालन भी नहीं कर पाया। इसलिए केन्द्रीय बैंक ने इसपर 1 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। अंबरनाथ जयहिन्द सहकारी बैंक पर आरबीआई ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के नियमों के उल्लंघन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News