माघ हो हिन्दू पंचांग का ग्यारहवाँ महीना होता है जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है. इस महीने में भगवान विष्णु, शिव शम्भु महादेव और माँ गंगा की पूजा का विशेष महत्व है. इसके अलावा तुलसी के पौधे की पूजा का भी विशेष महत्व है.
माघ महीने में तुलसी की पूजा करने से न सिर्फ़ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है बल्कि सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है. यह माह धर्म, कर्म और पूजा पाठ के लिए आदर्श समय माना गया है.
तुलसी की पूजा का विशेष महत्व (Magh Month 2025)
माना जाता है कि माघ महीने में तुलसी की पूजा करने से सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा यह पूजा जीवन में तरक़्क़ी के नए मार्ग खोलती है. जिस भी तरह की बाधाएँ अब तक सफलता में अड़चन बनी हुई थी वे धीरे-धीरे दूर होने लगती है. तुलसी पूजन से व्यक्ति उन्नति की दिशा में प्रगति करता है.
सूर्य की ऊर्जा को संतुलित
माघ महीने में सूर्य की स्थिति विशेष रूप से मज़बूत होती है, और इस दौरान सूर्य की उर्जा को संतुलित रखना अत्यंत आवश्यक है. ऐसे में ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए जो सूरज की शक्ति को कमज़ोर कर सकती है.
माघ महीने में तुलसी को ना चढ़ाएं ये चीज़ें
माघ महीने में तुलसी को भूलकर भी काले तिल अर्पित नहीं करना चाहिए, हालाँकि सामान्य परिस्थितियों में तुलसी को तिल चढ़ाने से पितृ दोष ख़त्म होता है, पितृ प्रसन्न होते हैं लेकिन माघ माह में ऐसा करना सूर्य की स्थिति को कमज़ोर कर सकता है, इसलिए ख़ासतौर पर माघ के महीने में तुलसी पर काले तिल नहीं चढ़ाना चाहिए.
तुलसी की पूजा के दौरान आमतौर पर लाल चंदन, सिंदूर, कुमकुम अर्पित करने की परंपरा है, जो शुभता का प्रतीक मानी जाती है. लेकिन माघ माह में इन वस्तुओं को तुलसी पर अर्पित करने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय सूर्य की ऊर्जा को संतुलित रखने का होता है.
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