इन 4 बैंकों पर चला RBI का डंडा, लगा लाखों का जुर्माना, नियमों की अनदेखी पड़ी महंगी, कहीं इनमें अपना खाता तो नहीं?

आरबीआई ने नियमों का उल्लंघन करने पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। निर्देशों के उल्लंघन का पता चलने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 बैंकों को नोटिस जारी किया था। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम क्यों उठाया?

Manisha Kumari Pandey
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर नियमों का सही से अनुपालन न होने पर सख्ती दिखाई है। चार बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में गुजरात के तीन और उड़ीसा का एक बैंक शामिल है। इस कार्रवाई की जानकारी आरबीआई ने 30 जनवरी को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

श्री सावली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड वडोदरा गुजरात पर 2.10 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। द कोसांबा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत और वडाली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड साबरकांठा गुजरात पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना आरबीआई ने लगाया है। वहीं ओडिशा में स्थित ओडिशा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर केंद्रीय बैंक ने चार लाख रुपए की मॉनेटरी पेनल्टी लगाई है।

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आरबीआई ने सभी बैंकों को भेजा कारण बताओ नोटिस (RBI Monetary Penalty)

मार्च 2023 में आरबीआई द्वारा किए गए संवैधानिक निरीक्षण के दौरान गुजरात में स्थित तीनों बैंकों के द्वारा नियमों में अनदेखी करने का खुलासा हुआ। वहीं नाबार्ड ने ओडिशा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का संवैधानिक निरीक्षण किया था। इस दौरान निर्देशों के उल्लंघन का पता चला। जिसके बाद आरबीआई ने चारों बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया था।  नोटिस पर आई प्रतिक्रिया के बाद हुई जांच के बाद जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया।

आखिरी आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?

  1. श्री सावली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड निर्धारित समय के भीतर पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में ट्रांसफर करने में विफल रहा। मैच्योरिटी तक आधारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत रखे गए कुल निवेश की अधिकतम सीमा का उल्लंघन किया। निर्धारित समय के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड करने में भी विफल रहा। इसके अलावा तीन सीआईसी में से किसी एक को अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी प्रस्तुत करने में भी विफल रहा।
  2. द कोसंबा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का पालन करने में विफल रहा। निर्धारित समय के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड भी नहीं कर पाया। 6 महीने में कम से कम एक बार खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा भी करने में विफल रहा है।
  3. वडाली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड ने ऐसे लोन स्वीकृत किए जिसमें निदेशक का रिश्तेदार गारंटी था। विवेक विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का उल्लंघन किया। 6 महीने में कम से कम एक बार कुछ खातों के जोखिम वर्गीकरण की अवधि समीक्षा भी नहीं कर पाया।
  4. ओडिशा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड निर्धारित अवधि के भीतर कुछ गैर-बैंकिंग परिसंपत्तियों का निपटान करने में विफल रहा। निर्धारित समय के भीतर पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर भी नहीं कर पाया।

 


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