रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया बड़ा ऐलान, UPI से अब कर सकेंगे 5 लाख रुपए तक का ट्रांजैक्शन, एक लाख तक के ट्रांजैक्शन पर भी नहीं देना होगा OTP

Shashank Baranwal
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UPI Limit Increase RBI: वर्तमान समय में देश में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग खरीददारी के लिए नकद पैसों की जगह UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए कर रहे हैं। वहीं UPI को लेकर शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति की मीटिंग में एक बड़ा फैसला लिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने UPI से पेमेंट की लिमिट को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। अब UPI के जरिए 5 लाख तक की राशि तक ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके साथ ही मीटिंग में रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया गया है। कमेटी ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। गौरतलब है कि अभी तक यूपीआई के जरिए सिर्फ 1 लाख की राशि तक ट्रांजैक्शन कर सकते थे।

इन संस्थानों को होगा फायदा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने UPI से पेमेंट की लिमिट को बढ़ाने का ऐलान किया है। जिसका लाभ सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों को मिलेगा। ऐसी जगहों पर आप UPI के जरिए 1 लाख की बजाय 5 लाख तक की राशि का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। वहीं इन जगहों पर चाहे अस्पताल का बिल हो या शैक्षणिक संस्थानों की फीस हो उसे UPI के जरिए आसानी से कर सकेंगे।

ऑटो पेमेंट की सीमा को भी बढ़ाने का किया ऐलान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने UPI के जरिए किए जाने वाले म्युचुअल फंड्स, क्रेडिट कार्ड के बिल, इंश्योरेंस के प्रीमियम के ऑटो पेमेंट्स की सीमा को भी बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने इसे 1 लाख रुपए तक बढ़ाने का फैसला लिया है। जो कि अभी तक सिर्फ 15 हजार रुपए थी। बता दें इसके लिए अब ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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