म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। दरअसल शेयर बाजार के नियामक (SEBI) द्वारा म्युचुअल फंड के नियमों में बदलाव किया गया है। निवेशकों के लिए सेबी ने नए नियम पेश किए हैं। इन नए नियमों के चलते विशेषकृत निवेश कोष (Specialized Investment Funds – SIF) और म्युचुअल फंड (Mutual Fund Lite) में बदलाव देखने को मिलेगा। सेबी का उद्देश्य है कि इन नियमों से निवेशकों को नए विकल्प मिल सके और निवेश की रूपरेखा को और आसान बनाया जा सके।
दरअसल सेबी द्वारा म्युचुअल फंड लाइट (Mutual Fund Lite) पेश किया जा रहा है। सेबी ने म्यूचुअल फंड लाइट की रूपरेखा म्युचुअल फंड की सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) योजना के लिए पेश की है। इससे अब निवेशकों को बेहतर विकल्प मिल सकेगा और निवेश की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।
क्या होता है स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF)?
उच्च जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए सेबी ने एक विशेषीकृत निवेश कोष की शुरुआत की है। इस के लिए सेबी द्वारा स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड की शुरुआत की गई है। इसके जरिए आधुनिक निवेश रणनीतियों को लागू करने की अनुमति मैनेजमेंट कंपनियों को मिल सकेगी। जो अधिक इन्वेस्टमेंट करते हैं और उच्च जोखिम लेने वाले निवेशक होते हैं उनके लिए यह स्कीम बेहद फायदेमंद होगी। इस योजना में एक निवेशक कम से कम 10 लख रुपए तक का निवेश कर सकता है। नए नियम के मुताबिक SIF की म्युचुअल फंड योजनाओं से अलग ब्रांडिंग और पहचान सुनिश्चित करना पड़ेगी।
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के नियमों में बदलाव
इसके साथ ही सेबी द्वारा एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के नियमों में बदलाव करते हुए अब इसे और भी आसान बना दिया गया है। नए नियमों के मुताबिक अब 35 करोड रुपए का नेटवर्थ को शुरुआत में रखना अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी 5 साल लगातार मुनाफा कमा रही है, तो उसकी नेटवर्क घटाकर 25 करोड रुपए कर दी जाएगी। Mutual Fund Lite से बाजार को कई फायदे मिलेंगे। इससे बाजार में नगदी बढ़ेगी और निवेश के नए विकल्प खुल सकेंगे।