SEBI Notice: सेबी के नोटिस का 20 साल बाद दिया जवाब, जानें स्पेशल कोर्ट ने कितना लगाया जुर्माना

SEBI Notice: सेबी को साल 2001 में एक शिकायत मिली थी जिसमें बाजार नियामक की ओर से बिना रजिस्ट्रेशन के सब-ब्रोकर के काम करने का आरोप था। जिसके बाद सेबी ने नोटिस भेजा था।

Rishabh Namdev
Published on -

SEBI Notice: इनकम टैक्स या सेबी जैसे नियामक संस्थानों के नोटिस को ध्यानपूर्वक न लेना उचित नहीं होता है। दरअसल यहीं हमारे देश का कानून भी कहता हैं। यह बात हमे हमेशा समझे जाती है कि नोटिस को अनदेखा करने से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे उसे आर्थिक दंड देना पड़ सकता है या उसे जेल भी भेजा जा सकता हैं। लेकिन आज हम ऐसा एक मामला आपको बताने वाले हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

20 साल पहले भेजा गया था नोटिस:

दरअसल एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ सेबी के नोटिस के संबंध में हाल ही में का एक मामला सामने आया है, जिसमें बुजुर्ग के उपर एक बड़ा जुर्माना लगा है जिसकी राशि हजारों रुपये है। इस नोटिस को सेबी द्वारा 20 साल पहले भेजा गया था। यानी 20 साल से अधिक समय तक बुजुर्ग व्यक्ति ने सेबी के नोटिस का रिप्लाई नहीं दिया। जिसके बाद जब वह नोटिस के बारे में सेबी को पता लगा, तो कोर्ट ने उन पर जुर्माना लगाया। हालांकि, उनकी उम्र को देखते हुए, कोर्ट ने जुर्माने में कमी की।

इतने हजार का लगाया जुर्माना:

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीएल इन्वेस्टमेंट के प्रोपराइटर बजरंग लाल इंदरमल गोयल के एक मामले में एक्शन लिया गया है, दरअसल इंदरमल को सेबी द्वारा 22 साल पहले यानि 2002 में सेबी द्वारा नोटिस भेजा गया था। हालांकि इस मामले में, इस साल 10 जनवरी को गोयल ने सेबी की एक विशेष अदालत में हाजिर होकर इस मामले में अपना दोष कबूल किया। जिसके बाद जुर्माने के रूप में कोर्ट ने गोयल की उम्र और डिमेंशिया की बीमारी को ध्यान में रखते हुए केवल 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

जानें क्या था पूरा मामला:

दरअसल सेबी को साल 2001 में एक शिकायत मिली थी जिसमें बाजार नियामक की ओर से बिना रजिस्ट्रेशन के सब-ब्रोकर के काम करने का आरोप था। वहीं इस शिकायत के बाद, सेबी ने 2002 में गोयल को इस मामले में नोटिस भेजा था, जिसमें गोयल को सेबी द्वारा रजिस्ट्रेशन कराने की हिदायत दी गई थी और उन्हें चेतावनी दी गई थी कि अगर वे इसे पालन नहीं करते हैं तो आर्थिक जुर्माना लग सकता है। हालांकि नोटिस का जवाब न देने के कारण अब यह जुर्माना लगाया गया हैं।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News