Income Tax Audit: कुछ टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फ़ाइल करना जरूरी होता है। टैक्स ऑडिट करदाताओं के बही-खातों की समीक्षा है। आयकर अधिनियम 1961 के तहत इनकम टैक्स ऑडिट उन लोगों के लिए अनिवार्य होता है, जो खुद का कारोबार करते हैं या किसी प्रोफेशनल सर्विस में शामिल है।
इन खातों की समीक्षा इनकम, डिडक्शन और कर कानून के तहत की जाती है। टैक्स ऑडिट खातों के उचित रख रखाव को भी सुरक्षित करता है सुनिश्चित करता है। वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन नजदीक है। 30 सितंबर तक ऑडिट की रिपोर्ट ई- फाइलिंग पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट जमा की जा सकती है।
किन करदाताओं के लिए इनकम टैक्स ऑडिट जरूरी? (Income Tax Audit Eligibilty)
यदि किसी व्यवसाय का टर्नओवर या सकल प्राप्तियाँ 1 करोड़ रुपये से अधिक है तो उनके लिए खातों को करवाना जरूरी होता है। वहीं प्रोफेशनल टैक्सपेयर्स जैसे कि डॉक्टर या सीए जिनकी सकल प्राप्तियाँ 50 लाख रुपये से अधिक है और सकल प्राप्ति के 50% कम लाभ का दावा करते हैं उनके लिए भी टैक्स ऑडिट महत्वपूर्ण होता है।