अगर आप टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज से जुड़े हुए हैं या कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में शामिल टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज इस साल बड़ी छंटनी करने की योजना बना चुकी है। कंपनी दुनिया भर में 12,261 कर्मचारियों की कटौती करेगी। इस कटौती से खासतौर पर मिड और सीनियर स्तर के एम्प्लॉय प्रभावित होंगे। 30 जून 2025 तक कंपनी के कर्मचारियों की कुल संख्या 6,13,069 थी।
हालांकि, इस साल अप्रैल और जून के महीने में ही कंपनी द्वारा 5,000 नए कर्मचारियों की भर्ती भी की गई थी, लेकिन इस छंटनी ने कर्मचारियों को संकट में डाल दिया है। चलिए जानते हैं, आखिर टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज द्वारा यह बड़ा निर्णय क्यों लिया जा रहा है।
क्या है छटनी का कारण?
दरअसल, कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि यह बड़ा निर्णय एक “फ्यूचर रेडी ऑर्गेनाइजेशन” बनाने की लंबी अवधि की रणनीति के तहत लिया गया है। कंपनी द्वारा नई टेक्नोलॉजी और इन्वेस्टमेंट में, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के लिए और नए वैश्विक बाजारों में प्रवेश करने के लिए काम किया जा रहा है। कंपनी एआई को अपनाकर अब खुद को बड़े स्तर पर पेश करने के लिए तैयार कर रही है। ऐसे में कुछ ऐसे कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी जिनका पुनः नियोजन संभव नहीं है।
तीसरी तिमाही में कितना प्रॉफिट दर्ज किया गया?
हालांकि इस दौरान टीसीएस द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा, उन्हें आर्थिक लाभ, आउटप्लेसमेंट सपोर्ट, काउंसलिंग और अन्य कई सुविधाएं दी जाएंगी। बता दें कि टाटा कंसलटेंसी का यह नया निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश की बड़ी आईटी कंपनियां पहली तिमाही में कमजोर ग्रोथ रेट दिखा रही हैं। बता दें कि टीसीएस ने 2025–26 के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल 63,437 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, जो सालाना 1.3% की बढ़ोतरी दर्शाता है।





