यूनीफाइड पेमेंट्स इंटफेस (UPI) भारत की नहीं बल्कि अन्य कई देशों में डिजिटल ट्रांजेक्शन का बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। यूपीआई का विस्तार शहरों और गाँव में हो रहा है। इसी के साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकें से लोगों को ठगी का शिकार बना सकते हैं।
ऐसे में यूपीआई यूजर्स के लिए सतर्क रहना जरूरी होता है। छोटी-सी गलती भी आपका पर्सनल डेटा स्कैमर्स तक पहुंचा सकती है। जिसका इस्तेमाल वे गलत कामों के लिए कर सकते हैं। बैंक अकाउंट पर भी अटैक कर सकते हैं। यहाँ कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिसके जरिए साइबर अपराधी ठगी को अंजाम दे सकते हैं। जिसकी जानकारी उपभोक्ताओं को होनी चाहिए।
![UPI fraud](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2024/04/mpbreaking19449029.jpg)
यूपीआई फ्रॉड से तरीकें जान लें
- स्कैमर्स यूजर्स को अनधिकृत लिंक भेजते हैं। जिसमें लिंक करके ऐप इन्स्टॉल करने का निर्देश दिया है। यह लिंक ऑटो डेबिट का होता है। क्लिक करते ही अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं।
- साइबर अपराधी यूजर्स को भ्रामक संदेश भेजकर भी बेवकूफ बनाए हैं। ऐसे भी मामले देखे गए हैं, जिसमें स्कैमर्स गलती से पैसे भेजने की झूठी बात कहते हैं। फिर पैसे वापस ट्रांसफर करने का आग्रह करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया फेक हो सकती है।
- एनी डेस्क के जरिए भी फ्रॉड के कई मामले देखे गए हैं। जिसमें स्कैमर्स बैंक का कर्मचारी होने का दावा करते हैं। यूजर्स को एनी डेस्क या टीम व्यूअर जैसे स्क्रीन मिरर ऐप्स डाउनलोड करने को कहते हैं। इससे उनके पास फोन या कम्यूटर कंट्रोल उनके हाथ में पहुँच जाता है, जिसका इस्तेमाल करके वे अवैध लेनदेन भी कर सकते हैं।
- फेक QR कोड से जरिए धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके स्कैमर्स यूजर्स को फर्जी ऐप या फिशिंग वेबसाइट पर भेजते हैं। यूपीआई डेटा चुराने की कोशिश करते हैं।
- फर्जी यूपीआई हैंडल के जरिए भी स्कैमर्स ठगी को अंजाम दे सकते हैं। सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर ऐसे मामले अधिक देखे जाते हैं। यूजर्स से फर्जी ऑफर या भुगतान का अनुरोध किया जाता है।
कैसे करें बचाव?
- ऑनलाइन किसी भी ऑफर या अनजान सोर्स से प्राप्त लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति से ओटीपी, पासवर्ड या बैंक जानकारी साझा न करें। बैंक या वित्तीय ऐसी जानकारी की मांग नहीं करते।
- पैसे प्राप्त करने के लिए किसी भी QR कोड को स्कैन न करें। ध्यान रखें क्यूआर कोड को हमेशा पैसे भेजने के लिए स्कैन किया जाता है।
- संदिग्ध या अनजान कॉल को न उठायें। प्रलोभन का विश्वास न करें।
- पब्लिक वाईफाई का उपयोग करके वित्तीय लेनदेन करने से बचें।
- एनी डेस्क या अन्य स्क्रीन मिरर ऐप के जरिए स्क्रीन शेयरिंग की इजाजत किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें।
- ऐप को हमेशा प्लेटस्टोर या एप्पलस्टोर से डाउनलोड करें।
- क्यूआर कोड स्कैन करके किसी को भी पैसे भेजने से पहले वेरिफिकेशन जरूर करें।