केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE) ने पाठ्यक्रम को लेकर तीन बड़े फैसले लिये हैं। जिसकी जानकारी स्टूडेंट्स को होनी चाहिए। कक्षा 11वीं-12वीं की विधि अध्ययन किताबों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब विद्यार्थियों को नए कानून के बारे में पढ़ाया जाएगा। यह कदम राष्ट्रिय शिक्षा निति 2020 के तहत उठाया गया है। इसके अलावा सीबीएसई गणित में भारत की उपलब्धियों भी सिलेबस में शामिल करने जा रहा है।
सीबीएसई ने विदेश में स्थित एफिलेटेड स्कूलों के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8वीं तक के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम तैयार करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला भी NEP 2020 और राष्ट्रिय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के तहत लिया गया है। इससे प्रवासी भारतीय छात्रों तक सिमित न रहकर मेजबान देशों के स्थानीय छात्रो पहुंच बढ़ेगी। इसके लिए सीबीएसई स्कूलों और इंटरनेशनल पाठ्यक्रम से जुडी संस्थानों के विशेषज्ञों की समितियां बनाई जाएगी। बोर्ड ने अगले 5 सालों में ग्लोबल करिकुलम से करीब एक हजार स्कूलों को जोड़ने का प्लान बनाया है।
लीगल स्टडीज सिलेबस में होंगे ये बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉ सिलेबस में बदलाव होने जा रहा है। अब छात्रों को तीन तलाक निरस्त, राजद्रोह, धारा 377, भारतीय न्याय संहिता जैसे टॉपिक के बारे में पढ़ाया जाएगा। नए कानून और महत्वपूर्ण फैसले को भी शामिल किया जाएगा। सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार बोर्ड नया सिलेबस तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगा। शैक्षणिक सत्र 2026-27 में यह बदलाव लागू हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। हालांकि बोर्ड ने इससे संबंधित घोषणा ऑफिशियल वेबसाइट पर नहीं की है।
गणित के लिए तैयार होगा खास मोनोग्राफ
सीबीएसई ने “भारतीय गणित परंपरा” नाम का एक मोनोग्राफ विकसित करने का ऐलान किया है। इसमें मैथ्स से जुड़े भारत के प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक योगदानों को डिटेल में बताया जाएगा। प्रमुख गणितीय खोजों और नवाचारों को शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं गणित सिद्धांतों के अलावा इसमें भारतीय खगोल विज्ञान, वास्तुकला और वाणिज्य के बारे में पढ़ाया जाएगा। श्लोकों को भी शामिल किया जाएगा। यह 150 से 175 पन्नो का होगा। यह कदम भी बोर्ड ने NEP 2020 के तहत उठाया है।





