CBSE Open Book Exam: सीबीएसई का बड़ा प्लान, बुक खोलकर परीक्षा दे पाएंगे छात्र, जल्द शुरू होगा ट्रायल, पढ़ें खबर

ओपन बुक परीक्षा एक प्रकार का आकलन है। इस परीक्षा में छात्रों को नोटबुक, किताब और अन्य स्टडी मैटेरियल ले जाने की अनुमति होती है। OBE एग्जाम का ट्रायल इस साल के अंत तक शुरू हो सकता है।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
cbse news

CBSE Open Book Exam: कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं के छात्र किताब खोलकर परीक्षा दे पाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ओपन बुक परीक्षा (OBE) शूर करने की योजना बना रहा है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (National Curriculum Framework) ने सीबीएसई के सामने ओबीई का सुझाव रखा है।

9-12वीं के छात्रों के लिए आयोजित होगी ओपन बुक परीक्षा

सूत्रों की माने तो सीबीएसई कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए ओपन बुक परीक्षा का आयोजन कर सकता है। अंग्रेजी, विज्ञान और गणित की ओबीई परीक्षा कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए आयोजित होगी। वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अंग्रेजी, गणित के अलावा बायोलोजी विषय की ओपन बुक परीक्षा आयोजित होगी।

नवंबर में शुरू होगा ट्रायल

रिपोर्ट के अनुसार ओपन बुक परीक्षा का पायलट प्रोग्राम नवंबर से दिसंबर के बीच हो सकता है। ओबीई के डिजाइन और विकास को तैयार करने में सीबीएसई दिल्ली यूनिवर्सिटी की सलाह ले सकता है।

क्या है ओपन बुक परीक्षा?

ओपन बुक परीक्षा एक प्रकार का आकलन है। इस परीक्षा में छात्रों को नोटबुक, किताब और अन्य स्टडी मैटेरियल ले जाने की अनुमति होती है। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य विषय के समझ और एप्लीकेशन के लिए छात्रों को प्रेरित करना है। यह रटकर याद करने की प्रक्रिया को बढ़ावा नहीं देता। इस परीक्षा के जरिए छात्र विषय या पाठ के कॉन्सेप्ट को समझ सकते हैं। साथ ही ओबीई परीक्षा छात्रों के तनाव को दूर करती है। बता दें कि कोविड महामारी के दौरान डीयू ने अगस्त 2022 में ओपन बुक परीक्षा का आयोजन किया था। हालांकि इसका काफी विरोध भी हुआ था। साथ ही ओबीई परीक्षा के कारण विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेंडर में व्यवधान भी उत्पन्न हुए थे।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News