CBSE 2024-25: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board Of Secondary Education) एजुकेशन सिस्टम में जल्द ही बड़ा बदलाव कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सीबीएसई जल्द ही कक्षा 6, 9 और 11 के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF ) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगा। एनसीआरएफ के प्रयोग के लिए बोर्ड ने कई मान्यता प्राप्त विद्यालयों को आमंत्रित भी किया है। सेशन 2024-25 में इसकी शुरुआत हो सकती है।
सीबीएसई ने क्या कहा?
सीबीएसई ने एनसीआरएफ के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस तैयार की है। एक पत्र के जरिए इच्छुक स्कूलों के प्रिन्सपल को एक लिंक कॉन्टैक्ट डिटेल्स साझा करने को कहा है। पत्र में बोर्ड ने कहा, “सीबीएसई ने एनसीआरएस कार्यान्वयन दिशानिर्देश का मसौदा विकसित और प्रसारित किया है, उन पर कई कार्यशालाओं में चर्चा की और केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय से अप्रूवल भी प्राप्त किया है वास्तविक दुनिया के संदर्भों में इसकी प्रभवशीलता का परीक्षण, परिशोधन और मूल्यांकन करने के लिए स्तर 2024-25 से प्रभावी होने के साथ कक्षा 6, 9 और 11 में सीबीएसई से मन्यता प्राप्त स्कूलोमेन इन गाइडलाइंस के एक पायलट प्रोजेक्ट की योजना बनाई गई है।” सीबीएसई के सर्कुलर अपने शैक्षणिक वेबसाइट https://cbseacademic.nic.in पर जारी किया है।
क्या है नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क?
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को सरकार ने पिछले वर्ष पेश किया था। यह नई शिक्षा नीति 2020 पर आधारित एक शिक्षा प्रणाली है, जिसे स्कूल, उच्च और व्यवसायिक शिक्षा को सहजता से मिश्रित करने के लिए लाया गया है। यह फ्रेमवर्क छात्रों को प्रारम्भिक शिक्षा के लेकर पीएचदी स्तर तक क्रेडिट एकत्र करने की अनुमति देता है। यह शिक्षा में प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देता है। क्रेडिट फ्रेमवर्क के प्रमुख प्रस्तावों में हर साल 1200 अनुमानित शिक्षण घंटे और सफल समापन पर 40 क्रेडिट शामिल हैं। छात्र एक्स्ट्रा पाठ्यक्रम और प्रोजेक्ट को लेकर एडिशनल क्रेडिट अर्जित कर स्तर हैं, जो लर्निंग के परिणामों को निर्धारित करने वाले मूल्यांकन के अधीन होगा।