MP Nursing Exam :मध्य प्रदेश के नर्सिंग छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद 15 मई से फिर नर्सिंग की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है, इसमें करीब 30 हजार छात्र शामिल होंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश में 181 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.। मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ये परीक्षाएं करवाएंगी। इस परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र यानी हॉल टिकट जारी कर दिए गए हैं। आवेदन से चूके स्टूडेंट्स 14 मई तक ऑनलाइन आवेदन https://mpmsu.edu.in/ कर सकते हैं।
फर्जीवाड़े के चलते 3 सालों से नहीं हो सकी थी परीक्षाएं
दरअसल, निजी नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के चलते 3 सालों से ये परीक्षा नहीं हो सकी थी, लेकिन अब उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच में सूटेबल यानी पात्र, डिफिशिएंसी यानी अपात्र और तय मापदंड पर खरे नहीं उतरने वाले उन कॉलेज की परिक्षाएं कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जिन नर्सिंग कॉलेजों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया था, प्रदेश के उन सभी नर्सिंग कॉलेजों के सभी छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं कराने के आदेश दिए हैं।हालांकि साल 21-22 और 22-23 के 50 हजार से अधिक छात्रों को अब भी इंतजार करना पड़ेगा। एनएसयूआई नेता रवि परमार ने उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया और छात्र-छात्राओं को भी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दी है।
इस तरह होंगे नर्सिंग एग्जाम
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा जारी परीक्षा सारणी के अनुसार एग्जाम बीएससी प्रथम वर्ष 2020-21, बीएसई तृतीय वर्ष 2019-20, एमएससी प्रथम वर्ष 2020-21 के लिए होंगे। 15 मई से बीएससी नर्सिंग सत्र 20-21 प्रथम वर्ष , 16 मई से बीएससी नर्सिंग सत्र 19-20 तृतीय वर्ष , 17 मई से पोस्ट बीएससी नर्सिंग सत्र 20-21 प्रथम वर्ष , 20 मई से एमएससी नर्सिंग सत्र 20-21 प्रथम वर्ष की परीक्षाएं होंगी जिसमें 30 हज़ार से ज़्यादा नर्सिंग छात्र छात्राएं शामिल होंगे । नर्सिंग की परीक्षा सुबह 10:30 से 1:30 बजे तक होगी।
NSUI नेता बोले- लड़ाई अभी जारी, 50 हजार छात्रों की परीक्षा रुकी
नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले एनएसयूआई नेता रवि परमार ने उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया है और सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी। रवि परमार ने कहा कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है, नर्सिंग महाघोटाला में संलिप्त दोषियों पर जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तब तक निरंतर लड़ाई जारी रहेगी। 2021-22 , 2022-23 सत्र के नर्सिंग स्टूडेंट्स को अब भी इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की इन सत्र के छात्र छात्राओं की परीक्षाओं पर भी तत्काल निर्णय लेकर परीक्षा आयोजित करवाना चाहिए क्योंकि 50 हज़ार से ज़्यादा नर्सिंग छात्र- छात्राओं की परीक्षा रुकी हुई है।
सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर खड़े किए सवाल
सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए रवि परमार ने ज्ञापन सौंपा कर कहा कि सीबीआई द्वारा नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई लेकिन भोपाल के कई कालेज ऐसे हैं जिनको सीबीआई की रिपोर्ट में सूटेबल बताया गया है जबकि हकीकत कुछ और ही हैं। भोपाल के 1. एपीएस नर्सिंग एकेडमी 2. मेहको नर्सिंग कॉलेज 3. अरविंदों नर्सिंग कॉलेज 4. मलय नर्सिंग कॉलेज कॉलेजों में जांच में लीपापोती का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में इन सभी कॉलेज को सूटेबल बताया गया है जबकि यह सभी कालेज नियम विरुद्ध संचालित हो रहें हैं।