Mon, Dec 29, 2025

MP School : फिर गरमाया बच्चों की स्कूल फीस का मामला, बाल आयोग-DEO तक पहुंची शिकायत, जाने अपडेट

Written by:Kashish Trivedi
Published:
MP School : फिर गरमाया बच्चों की स्कूल फीस का मामला, बाल आयोग-DEO तक पहुंची शिकायत, जाने अपडेट

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में कोरोना काल (MP Corona) के दौरान स्कूलों (MP School)को बंद रखा गया था। हालांकि अभी स्कूलों को खोल दिया गया है। पूरी क्षमता के साथ स्कूल खुलने के साथ ही अब स्कूल प्रशासन (School administration) द्वारा अभिभावकों पर स्कूल फीस (School fees) के लिए दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि शासन के निर्देश के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कैसे संचालित की जा रही है। उनको CBSE स्कूल में परीक्षा में भी आयोजित होने लगी है। स्कूल प्रशासन को एक आवेदन ले रहे। जिसमें स्कूल की फीस कब तक जमा करेंगे, इसकी जानकारी अभिभावकों को स्कूल प्रशासन को देनी होगी।

अब इसके बाद निजी स्कूलों की मनमानी पर परेशान है और जिला शिक्षा अधिकारी सहित मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दरवाजे खटखटा रहा है। इस मामले में अभिभावकों का कहना है कि साल भर से स्कूलों को बंद रखा गया। ऑनलाइन कक्षा संचालित की जा रही है तो ऐसी स्थिति में स्कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूल करना चाहिए। जिन युवकों ने शासन के आदेश से साल भर का शिक्षण शुल्क एकमुश्त जमा कर दिया था। उनसे भी पूरी फीस मांगी जा रही है।

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इस मामले में बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि विभाग की ओर से नवंबर में पूरी फीस लेने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद से अभिभावक असमंजस की स्थिति में है। आखिरकार उन्हें पूरी फीस का भुगतान करना है या सिर्फ शिक्षण शुल्क देय है। इस मामले में अभिभावकों द्वारा लगातार गुहार लगाई जा रही है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी और केसों में गिरावट के बाद स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया था।

जिसके बाद अगस्त में 6वीं तक की कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया गया था। 19 सितंबर से पहले से 50 स्कूलों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए थे। इसके कुछ दिन बाद एक बार फिर से बच्चों को 50 % क्षमता के साथ स्कूल बुलाया जाने लगा था। जनवरी में भी Corona की तीसरी लहर को देखते हुए स्कूलों को बंद रखा गया था। हालांकि अब निजी स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के बच्चों की परीक्षा आयोजित होनी है। इससे पहले स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। जिसके बाद इस मामले में अभिभावक संघ ने डीईओ के पास अर्जी लगाई है।