इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा को लेकर अभी फिलहाल कोई अन्य नियमों प्लान तैयार नहीं किए गए हैं। 31 जनवरी तक कोरोना की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अगर 31 जनवरी तक प्रदेश में Corona का पिक नहीं आता है तो फरवरी में होने वाली परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। एमपी बोर्ड द्वारा परीक्षा की समय सारणी जारी कर दी गई है। 17 फरवरी से आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा में 1 महीने से कम कभी समय शेष रह गया है। असल परीक्षा केंद्र को 10% अधिक बढ़ाया गया है। हालांकि अब तक कई जिलों में परीक्षा केंद्र तय नहीं किए गए हैं। विभाग द्वारा इस मामले में जरूरी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं।
30 जनवरी 2022 तक अंक की प्रविष्टि
वही Corona के कारण माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दूसरी तैयारी भी पूरी रखी जा रही है। पहले 15 जनवरी 2022 तक स्कूलों को अंको की प्रविष्टि भेजने को कहा गया था। इसके बाद केवल 60 फ़ीसदी स्कूल द्वारा ही ऑनलाइन अंक भेजे गए थे। इस मामले में इन तारीखों को बढ़ाकर 30 जनवरी कर दिया गया है। 23 जनवरी तक सभी स्कूलों को तिमाही छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा के अंक की प्रविष्टि भेजनी है।
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स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान
इधर इस साल बोर्ड परीक्षा के लिए करीब 4000 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। जिसमें 18 लाख से अधिक विद्यार्थी के शामिल होने की संभावना है। इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि वर्ष 2021-22 के परीक्षा के लिए छात्रों को सालभर एसेसमेंट दिया जाएगा जबकि 10वीं और 12वीं तक की वार्षिक परीक्षा नहीं होती है तो तिमाही और छमाही की परीक्षा के आधार पर रिजल्ट तैयार किए जाएंगे। इसके लिए 11वीं-12वीं के प्रश्न पत्र में थ्योरी 70 अंक जबकि प्रैक्टिकल परीक्षा 30 नंबर के होने के निर्देश जारी किए गए थे।
अंकों का बंटवारा
इसके मुताबिक परीक्षा आयोजित की जानी थी। वही लोक शिक्षण ने शासन के आदेशों को ताक पर रख दिया। सरकारी स्कूलों में तिमाही और छमाही की परीक्षा 80% Theory और 20% प्रैक्टिकल पर आयोजित कर दी गई। जबकि निजी स्कूलों में राज्य शासन के बनाए नियम के तहत प्रक्रिया आयोजित की गई है। वही माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा को लेकर ब्लूप्रिंट जारी होने के बाद लोक शिक्षण के अधिकारियों द्वारा सरकारी स्कूल के नंबरों की गलत मार्किंग उनके लिए परेशानी की वजह बन रही है।
Time Table जारी
वही इस मार्किंग की वजह से वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट बनाने में उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि यदि जनवरी तक corona की पिक नहीं आती है 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा को अप्रैल तक के लिए बढ़ाया जाता है। वही अप्रैल में भी परीक्षा नहीं होने की स्थिति में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा।मध्य प्रदेश में पहली बार 10वीं-12वीं की परीक्षा 1 महीने पहले फरवरी माह में शुरू होने जा रही है। दसवीं की परीक्षा 18 फरवरी से वही 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से आयोजित की जाएगी।
दसवीं की परीक्षा 18 फरवरी से शुरू होकर 10 मार्च तक आयोजित होगी जबकि 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से शुरू कर 12 मार्च तक चलेगी। परीक्षा सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 बजे तक आयोजित होगी। जिसके लिए परीक्षार्थियों को 8:30 बजे तक केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य होगा। उसके साथी परीक्षा कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक आयोजित की जाएगी। जिसके लिए एडमिट कार्ड जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में घोषित किए जा सकते हैं।