Neet UG 2024: नीट यूजी 2024 परीक्षा के सिलेबस में हुआ बदलाव, एनएमसी ने जारी की नोटिस

Shashank Baranwal
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NEET

NEET UG Syllabus: नीट की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने साल 2024 में होने वाले यूजी नीट परीक्षा के पाठ्यक्रम को संशोधित किया। जिसे अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड से मंजूरी भी मिल गई है। इस संशोधित पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट nmc.org.in पर अपलोड कर दिया गया  है। वहीं अभ्यर्थी वेबसाइट पर जाकर पाठ्यक्रम को देख सकते है।

मई में आयोजित होगी यूजी नीट की परीक्षा

मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों एमबीबीएस, बीडीएस जैसे अन्य कोर्सों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट यूजी 2024 की परीक्षा को अगले साल 5 मई को आयोजित की जाएगी। आपको बता दें एनटीए द्वारा आयोजित यह परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा है।

परीक्षा पैटर्न

नीट यूजी 2024 परीक्षा पैटर्न के अनुसार नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र में दो भाग होगें। जहां भाग ए में 35 प्रश्न और भाग बी में 15 प्रश्न होंगे। अभ्यर्थियों द्वारा कोई भी 10 प्रश्न चुन जा सकता है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की तरफ से नीट यूजी 2024 के संशोधित पाठ्यक्रम को जान लेने की सलाह दी गई है।

योग्यता

यूजी नीट की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को भारतीय नागरिक, एनआरआई, भारत के विदेशी नागरिक या विदेशी नागरिक होना चाहिए। जिन अभ्यर्थियों ने 10+2 या उसके समकक्ष की परीक्षा पास कर ली है या पास करने वाले है यूजी नीट के लिए आवेदन कर सकते है। वहीं अभ्यर्थियों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी विषय में पास होना चाहीए। साथ ही यूजी नीट की परीक्षा के अभ्यर्थियों को भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषय में 50 फीसदी अंक प्राप्त करने होते है, जबकि एससी, एसटी और ओबीसी एनसीएल अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी अंक निर्धारित किए गए हैं।

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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