UGC Guideline: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्वायत्त महाविद्यालयों (Autonomous Colleges) के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। संविदा पर संकाय सदस्यों की भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। अब भर्ती की सीमा में 10 फीसदी की कटौती की गई है। दिशा-निर्देश के मुताबिक अब स्वायत्त कॉलेजों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत नहीं होगी कि संविदा संकाय की संख्या कुल स्वीकृत संकाय पदों के 10% से अधिक नहीं है।
नए नियमों के अनुसार संबद्ध और अंगीभूत कॉलेज अपने विश्वविद्यालय को माध्यम बनाए बिना अब साल में किसी भी समयशैक्षिक और प्रशासनिक स्वायत्तता के लिए यूजीसी ने संपर्क कर सकते हैं। आयोग ने यूजीसी विनियम, 2023 के तहत नए नियमों की घोषणा की है। गाइडलाइन 2018 में जारी हुए नियमों के पुराने सेट को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2010 के साथ संरेखित करने के लिए प्रतिस्थापित करने हैं। मतलब इन नए नियमों में 2018 में जारी हुए पुराने नियमों की जगह लेगा और न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुरूप चलेगा।
इसके अलावा इन नए नियमों के मुताबिक शुरुआती 10 सालों की अवधि के लिए कॉलेजों को स्वायत्तता का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन इसके लिए कॉलेजों को कुछ शर्ते पूर्ण करनी होंगी। इन स्वायत्त महाविद्यालयों को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा न्यूनतम A ग्रेड और 3.01 या अधिक के स्कोर के साथ मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
अब स्वायत्त कॉलेजों को अपने पाठ्यक्रम को चुनने की इजाजत होगी। साथ ही कॉलेज पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन और खुद के प्रवेश नियमों को चार्ट करने की मंजूरी भी होगी। साथ ही कॉलेज को मूल यूनिवर्सिटी के पूर्व स्वीकृति के बीमा बिना सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कॉर्सेस शुरू करने की भी अनुमति होगी। इसके अलावा स्वायत्त कॉलेजों में शैक्षणिक परिषद के अनुमोदन से पीएचडी कार्यक्रमों के साथ-साथ स्नातक और पीजी कॉर्सेस के लिए भी डिग्री करकर्म चलाने की अनुमति होगी।