नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा नई तैयारी की गई। जिसके तहत एक हाई लेवल कमिटी ने डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (deemed to be university) के लिए नया रेगुलेशन ड्राफ्ट (Regulation draft) तैयार कर लिया है। इसके लिए राज्य के साथ-साथ सभी संबंधित विश्वविद्यालय को यूजीसी रेगुलेशन 2022 (UGC Regulation 2022) ड्राफ्ट की कॉपी भेज दी गई है। वहीं अब डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तरह ही काम करेगी।
रेगुलेशन का फायदा यह भी होगा कि डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट दाखिले यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की कटऑफ के जरिए जारी होंगे। अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में लागू हुए नियम डिम्ड यूनिवर्सिटी में लागू किए जाएंगे।
यूजीसी के नए नियम के तहत डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय में दाखिले संसदीय एक्ट के तहत होंगे इसके साथ ही प्रोफेसर की भर्ती में रिजर्वेशन के नियम भी अमल में लाए जाएंगे मामले में यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार का कहना है कि नए नियम के लागू होने पर विश्वविद्यालय को फीस और दाखिले में पारदर्शिता बरतनी होगी विश्वविद्यालय अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी को CUET की कट ऑफ दिखानी होगी और उसके बिना एडमिशन नहीं हो सकेंगे।
नए नियम
- यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने आज अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज रेगुलेशन, 2022 के एक नए मसौदे की घोषणा की है।
- भारत सरकार के तहत सांविधिक निकाय ने 20 फरवरी, 2019 को भारत के राजपत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालय माना जाने वाले संस्थान) विनियम, 2019 को अधिसूचित किया था।
- शासन संरचना केंद्रीय विश्वविद्यालयों के समान होगी।
- न्यूनतम 5 विभागों (या तो यूजी / पीजी / एकीकृत / अनुसंधान या इनमें से एक संयोजन) के साथ बहु-अनुशासनात्मक संस्थान या न्यूनतम 5 विभागों (या तो यूजी / पीजी / एकीकृत / अनुसंधान या इनमें से एक संयोजन) की पेशकश करने वाले संस्थानों का समूह। उसी शहर / कस्बे में डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थिति के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
- वर्तमान एनआईआरएफ रैंकिंग की “विश्वविद्यालयों” श्रेणी में न्यूनतम ‘ए’ ग्रेड और उससे ऊपर या 1-100 से रैंक वाला नैक ऑफ-कैंपस केंद्र खोलने के लिए पात्र होगा।
- ऑफ-कैंपस केंद्रों के लिए अनुमोदन यूजीसी द्वारा प्रदान किया जाएगा; इससे पहले एमओई ने यह मंजूरी दी थी।
- मानित विश्वविद्यालय इस विषय पर यूजीसी के विनियमों के अनुसार ऑफ-शोर कैंपस सेंटर (केंद्रों) की स्थापना/शुरू करने के लिए पात्र होंगे।
- ‘ए’ ग्रेड से कम एनएएसी वाले या मौजूदा एनआईआरएफ रैंकिंग (विश्वविद्यालय श्रेणी) में 100 से अधिक रैंक वाले विश्वविद्यालयों की निगरानी यूजीसी विशेषज्ञ समिति द्वारा शैक्षणिक मानकों पर की जाएगी।
- विषय पर अधिसूचित यूजीसी विनियमों के अनुसार ऑनलाइन/दूरस्थ पाठ्यक्रम/डिग्री की पेशकश कर सकते हैं।
- सरकार या यूजीसी शिक्षा/प्रशासन/वित्त या डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कामकाज से जुड़े किसी भी मामले में शिकायतों पर जांच/निरीक्षण कर सकते हैं।