UGC Updates: हायर एजुकेशन में अब तक कई बदलाव हुए हैं। रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अब तक कई फैसले ले चुका है। छात्रों के दो बड़ी अपडेट सामने आई है। आयोग ने यूजी और पीजी पाठ्यक्रम में इंडियन नॉलेज सिस्टम जोड़ने का फैसला लिया है। वहीं अब ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स के लिए अप्रेंटिसशिप अनिवार्य होगा। इस संबंध में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश भी जारी किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजी पाठ्यक्रम में अप्रेंटिसशिप अनिवार्य किया गया है। पहली बार यूजीसी ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी है। यह कदम इंडस्ट्री सेक्टर और जॉब मार्केट के लिए छात्रों को तैयार करने के लिया उठाया गया है। आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों को स्टूडेंट्स की मार्कशीट पर अप्रेंटिसशिप व क्रेडिट स्कोर की जानकारी शामिल करने का निर्देश दिया है।

क्या हैं अप्रेंटिसशिप के नियम?
नियमों के तहत 3 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में एक से तीन सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम होगा। वहीं 4 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में अप्रेंटिसशिप दो से चार सेमेस्टर में रहेगा। 10 क्रेडिट स्कोर प्राप्त करने के लिए छात्रों को तीन महीने की अप्रेंटिसशिप करनी होगी। पहले सेमेस्टर में अप्रेंटिसशिप नहीं होगी, लेकिन लास्ट सेमेस्टर में यह अनिवार्य होगा। HEI उद्योगों में सुविधाओं को देखते हुए अप्रेंटिसशिप सकी सीटें निर्धारित करेंगे। उन्हें राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करना होगा।
भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी का अहम कदम
यूजीसी ने हाल ही में इंडियन नॉलेज सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में इसे अनिवार्य कर दिया है। विश्वविद्यालयों को पत्र भी लिखा। दिशानिर्देश के तहत अब छात्रों को कुल क्रेडिट में से 5% क्रेडिट भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) से अर्जित करने होंगे। 50% क्रेडिट प्रमुख विषयों से होगा। आईकेएस बढ़ावा देने के लिए आयोग अब तक कई कदम उठा चुका है। प्रोफेसरों को भी इसके तहत ट्रेनिंग दे रहा है।