होली से पहले लाखों कर्मचारियों को मिल सकती है 3 सौगात! सैलरी में आएगा बंपर उछाल, जानें अपडेट

Pooja Khodani
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Government employees DA Hike 2023: छत्तीसगढ के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद अब राज्य की भूपेश बघेल सरकार बजट सत्र में कर्मचारियों को फिर बड़ी सौगात दे सकती है। कयास लगाए जा रहे है कि होली से पहले सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में फिर वृद्धि की जा सकती है।इसके अलावा यह भी संभावना जताई जा रही है कि 6 मार्च को पेश होने वाले बजट में भूपेश बघेल सरकार 45000 अनियमित कर्मचारियों को भी रेगुलर करने का ऐलान कर सकती है। हालांकि अभी सरकार की ओर से इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। यह अनुमान पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के उस बयान से लगाया जा रहा है जो 3 मार्च को उन्होंने मीडिया के सामने दिया था।

पीसीसी चीफ ने दिए संकेत

दरअसल, शुक्रवार को पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि प्रदेश के सरकारी कर्माचारियों के लिए भूपेश सरकार 6 मार्च को खुशियों का पिटारा खोलेगी। सरकार होली पर कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है और इसका जल्द ही ऐलान किया जा सकता है। मरकाम के इस संदेश के बयान चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है।वही कर्मचारियों को भी उम्मीद है कि राज्य सरकार उनके हित में डीए समेत कई अन्य ऐलान कर सकती है।

बता दे कि वर्तमान में राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 33 फीसदी महंगाई भत्ते का लाभ मिल रहा है, संभावना जताई जा रही है कि बजट में राज्य सरकार 4 से 5 फीसदी मंहगाई भत्ते बढ़ाने का ऐलान कर सकती है, अगर ऐसा हुआ तो इसका लाभ राज्य के 3.80 लाख कर्मचारियों को होगा। संभावना है कि इसे 1 जनवरी 2023 से लागू किया जा सकता है। वही 2 महीने का एरियर दिया जा सकता है।हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

विधायक का सवाल, सीएम का जवाब

हाल ही में कांग्रेस विधायक प्रीतम राम के संविदाकर्मियों के नियमितीकरण के प्रश्न पर सीएम भूपेश बघेल ने जवाब था कि नियमितीकरण संबंध में कार्रवाई हो रही है, लेकिन समय सीमा बताना संभव नहीं। 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है, शेष 22 विभागों से जानकारी अप्राप्त है। शासन स्तर पर अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने हेतु विधिवत / नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है. समय सीमा बताना संभव नहीं है?

कर्मचारियों में आक्रोश, विपक्ष का भी सदम में हंगामा 

लंबे समय राज्य के सरकारी, नियमित, अनियमित, संविदा, स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर राज्य की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान भी लगातार विपक्ष सरकारी और अनियमित कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को उठा रही है और सरकार को घेर रही है। 3 मार्च को भी विपक्ष ने अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर जमकर हंगामा किया था, ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी चुनावों को देखते हुए भूपेश सरकार होली से पहले बजट में कर्मचारियों की कई मांग पर बड़ा ऐलान कर सकती है।

45000 कर्मियों को नियमितिकरण का इंतजार

बता दे कि प्रदेश भर में करीब 45000 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, कृषि,शिक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों में कार्यरत है। कांग्रेस सरकार ने चुनावी जन घोषणा पत्र वर्ष 2018 में कर्मचारियों के संबंध में विभिन्न घोषणाएं की थी, जिसमें संविदाकर्मियों का नियमितिकरण का भी वादा शामिल है, जो 4 साल होने पर भी अबतक पूरा नहीं हो पाया है।

पेंशनरों ने भी की 5 फीसदी महंगाई राहत की मांग

हाल ही में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ट्वीट कर होली के मौके पर लम्बित 5% प्रतिशत महंगाई राहत की किश्त का तुरन्त भुगतान करने के लिए आदेश जारी करने की मांग की थी।उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा जनवरी 23 को छत्तीसगढ़ शासन को प्रस्ताव प्रेषित कर जिसमें दोनों राज्य के पेंशनरों को बकाया 5% महंगाई राहत की राशि की किश्त देने के लिए सहमति मांगी है ताकि दोनों राज्य के पेंशनरों को केंद्र के बराबर 38% महंगाई राहत का भुगतान हो सके परंतु छत्तीसगढ़ सरकार ने अबतक उस पर फैसला नहीं किया है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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