भारत को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले स्टार शूटर अभिनव बिंद्रा अब छत्तीसगढ़ में टैलेंट को तैयार करने जा रहे हैं। इसके लिए वो रायपुर पहुंचे और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाक़ात की। बात सिर्फ़ एक औपचारिक मुलाकात की नहीं थी, बल्कि बड़े स्पोर्ट्स प्लान की थी। बिंद्रा छत्तीसगढ़ में एक आधुनिक स्पोर्ट्स सेंटर शुरू करना चाहते हैं। यहां युवाओं को ओलंपिक स्तर की ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स साइंस, इंजरी रिकवरी और ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन जैसे प्रोग्राम में तैयार किया जाएगा। उन्होंने सीएम के सामने अपनी योजनाएं रखीं, जिसे सरकार से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। खेल मंत्री टंकराम वर्मा भी इस मीटिंग में मौजूद थे।
जीत और दोस्ती दोनों सिखानी है
बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन प्रोग्राम के तहत राज्य के स्कूली बच्चों में एक्सीलेंस, रिस्पेक्ट और फ्रेंडशिप जैसे मूल्यों का विकास किया जाएगा। यानी सिर्फ़ खेल में परफॉर्म नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार इंसान बनने की ट्रेनिंग भी।बिंद्रा का फोकस केवल प्रशिक्षण पर नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की हेल्थ और रिकवरी पर भी है। उन्होंने कहा कि कई बार चोट से करियर ख़त्म हो जाता है। उनके फाउंडेशन की कोशिश रहेगी कि निःशुल्क इलाज, सर्जरी और फिजियोथेरेपी जैसी सुविधाएं खिलाड़ियों को मिलें। इसके लिए देशभर के 30 डॉक्टरों का नेटवर्क भी तैयार है।
खेल में अब साइंस भी जरूरी
ओलंपिक विनर शूटर ने एक और बड़ा पॉइंट रखा स्पोर्ट्स साइंस। उन्होंने कहा कि अब खेल सिर्फ़ मेहनत नहीं, बल्कि साइंस और टेक्नोलॉजी का खेल भी बन चुका है। इसी को देखते हुए वो छत्तीसगढ़ में एक साइंटिफिक बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करना चाहते हैं, जिससे खिलाड़ियों की स्किल को आधुनिक तरीक़ों से बेहतर बनाया जा सके।
अपार संभावनाओं वाला राज्य है छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अभिनव बिंद्रा की पहल की तारीफ़ की और कहा कि राज्य सरकार पूरी मदद देगी। उन्होंने खासतौर पर आदिवासी युवाओं की खेल प्रतिभा का ज़िक्र किया और बताया कि कैसे उनके अंदर नेचुरल स्किल मौजूद है। सीएम ने बताया कि रायपुर और जशपुर में 60 करोड़ की लागत से आर्चरी अकादमी बन रही है। यह प्रोजेक्ट एनटीपीसी के सहयोग से चल रहा है। साथ ही उन्होंने बस्तर ओलंपिक का भी ज़िक्र किया, जिसमें 1.65 लाख से ज़्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।





