छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र रविवार से शुरू हो गया है लेकिन पहले ही दिन हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला। जब सत्ता पक्ष सदन में अंजोर विजन 2047 पर चर्चा कर रहा था तो कांग्रेस ने चर्चा का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सत्ता पक्षा ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि विजन 2047 पर दिन भर चर्चा हुई और विपक्ष की गैरमौजूदगी यह दिखाती है कि उन्हें राज्य को लेकर कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस की पिछली राज्य सरकारों ने भी छत्तीसगढ़ के लिए कुछ नहीं किया। उन्हें राज्य की गरीबी, भुखमरी और बीमारियां नहीं दिखीं, जो अटल बिहारी वाजपेयी ने देखीं और एक अलग राज्य- छत्तीसगढ़ बनाया। विजन 2047 विकसित प्रदेश का रोडमैप है, और आज इस पर सफल चर्चा हो रही है। इस पर बड़ी मदद मिलने वाली है।
विजन 2047 पर विपक्ष का न होना बहुत बड़ी बात- विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि विजन 2047 पर विपक्ष का न होना बहुत बड़ी बात है। आप राज्य के डेवलपमेंट पर चर्चा में हिस्सा लेने से कैसे मना कर सकते हैं? यह आपके (विपक्ष) लिए एक मौका था। लोग आपको देख रहे हैं और वे आपको वैसे ही रिजेक्ट करेंगे जैसे आपने इस चर्चा को रिजेक्ट किया। यह सरकार का विजन नहीं था, बल्कि जनता का लक्ष्य था। हम इसे मिलकर ही पूरा कर सकते हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने भाग लेने से मना किया- केदार कश्यप
वहीं राज्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि विजन 2047 पर सकारात्मक चर्चा हो रही है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष इसमें भाग लेने से मना कर रहा है। आज, उन्होंने पूरी कार्यवाही का पूरी तरह से बॉयकॉट किया है, यह कहते हुए कि यह पहला दिन है। उन्हें इस राज्य के किसानों, महिलाओं और युवाओं की कोई चिंता नहीं है।
क्या है इस विजन का उद्देश्य?
छत्तीसगढ़ अंजोर 2047 का उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना, युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करना, किसानों, श्रमिकों और आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना, पर्यावरण संरक्षण के साथ औद्योगिक विस्तार करना, सुशासन, पारदर्शिता और डिजिटल गवर्नेंस को सुदृढ़ बनाना है।





