छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को एक और बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में बुधवार को 24 लाख रुपये के इनामी समेत कुल 9 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं, एक अन्य माओवादी मुठभेड़ में न्यूट्रलाइज़ कर दिया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे बदलते बस्तर की तस्वीर बताया। उन्होंने कहा कि अब बंदूकें झुक रही हैं और विकास की आवाज बुलंद हो रही है। मुख्यमंत्री ने इस सफलता का श्रेय सुरक्षाबलों के अदम्य साहस के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन को दिया।
असंभव को संभव बना रहे शाह
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “केंद्रीय मंत्री अमित शाह का कार्यकाल भारत की आंतरिक सुरक्षा का वह युग है, जिसने असंभव को संभव बना दिया है। चाहे अनुच्छेद 370 की ऐतिहासिक समाप्ति हो या नक्सलवाद और आतंकवाद पर कठोर प्रहार का फैसला, उन्होंने हमेशा भारत को सुरक्षित, सशक्त और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाया है।”
माओवादी ने किया सरेंडर
सीएम साय ने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक लगभग 450 माओवादी मारे जा चुके हैं, 1579 को गिरफ्तार किया गया है और 1589 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मंशा के अनुरूप 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यधारा से जुड़ने पर जोर
सरकार अब आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के पुनर्वास को तेज़ी से आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि सरेंडर करने वालों को मुख्यधारा से जोड़ने में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासनिक अमले को इस सफलता के लिए बधाई भी दी और कहा कि बस्तर अब अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ रहा है। अब उसकी पहचान सिर्फ विकास होगी।





