कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, OPS-NPS पर ताजा अपडेट, 20 फरवरी तक चुनना होगा विकल्प, वरना रुकेगा वेतन

Pooja Khodani
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Chhattisgarh OPS vs NPS 2023: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। नई पेंशन योजना (new pension scheme) और पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) पर बड़ी अपडेट है। जिलों के कलेक्टरों ने फरमान जारी किया है कि 20 फरवरी से पहले एक पेंशन योजना को चुनना अनिवार्य है । जो कर्मचारी तय समय पर एक योजना का विकल्प नहीं बताएंगे, तो उन्हें मार्च में वेतन नहीं मिलेगा।बता दे कि प्रदेश के करीब 2.50 लाख कर्मचारी है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ शासन सामान्य भविष्य निधि क्रियान्वयन के संबंध में जारी दिशा निर्देश के अनुसार 01 नवम्बर 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त शासकीय सेवको हेतु नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू होने के फलस्वरूप 01 नवम्बर 2004 से 31 मार्च 2022 के मध्य शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन का लाभ लेने अथवा एनपीएस में यथावथ बने रहने के विकल्प का प्रावधान किया गया है।

20 फरवरी तक देने होगी जानकारी

जिला कोषालय अधिकारी बीके तिवारी के अनुसार समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों को अपने अधीनस्थ समस्त शासकीय सेवकों का एनपीएस. अथवा ओपीएस में रहने के लिए विकल्प फार्म निर्धारित तिथि 20 फरवरी 2023 तक अनिवार्यतः कार्मिक संपदा में अपलोड करना होगा। निर्धारित समयावधि में विकल्प फार्म नहीं भरने की स्थिति में समस्त जवाबदेही संबंधित आहरण एवं संववितरण अधिकारी की होगी।

कर्मचारियों ने की अवधि बढ़ाने की मांग

इधर, कर्वधा कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिले के सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (डीडीओ), कार्यालय प्रमुख को शासन के उक्त निर्देशानुसार पत्र जारी कर कार्रवाई निर्धारित तिथि के भीतर करने के निर्देश दिए हैं।छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने विकल्प चयन की अवधि एक महीने बढ़ाने के लिए संचालक पेंशन को ज्ञापन सौंपा है। इसमें साफ कहा गया है कि प्रदेशभर के कर्मचारी एक विकल्प देने का निर्णय नहीं कर पा रहे हैं और वो भ्रमित हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि एक बार विकल्प देने के बाद इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं हो पाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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