किसानों के लिए अच्छी खबर, समर्थन मूल्य पर धान- मक्का खरीदी के लिए 31 अक्टूबर तक पंजीयन, नवंबर से धान की खरीदी, जानें डिटेल्स

धान एवं मक्का कृषक को समर्थन मूल्य पर विक्रय करने हेतु एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। विगत खरीफ वर्ष 2023-24 में पंजीकृत किसानों को आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए पंजीकृत माना जाएगा ।

Pooja Khodani
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CG Farmers News :छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए काम की खबर है। खरीफ विपणन 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 1 जुलाई से जारी है और अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया 14 नवंबर 2024 से शुरू की जाएगी, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।साल 2024-25 में 160 लाख टन धान के उपार्जन का अनुमान है

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कृषि विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसान पंजीयन की प्रक्रिया जारी है, जो 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगी।पंजीयन के लिए सभी किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहकारी समिति प्रबंधक से संपर्क कर नया पंजीयन करा सकते हैं। धान खरीदी से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर खाद्य विभाग का टोल फ्री नम्बर 1800-233-3663 पर संपर्क किया जा सकता है।

कैबिनेट बैठक में हुआ था धान खरीदी का फैसला

दरअसल, हाल ही में सीएम विष्णु साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का अनुमोदन किया गया। मंत्रिमण्डलीय उप समिति की अनुशंसा के आधार पर राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान समर्थन मूल्य पर राज्य के किसानों से नगद एवं लिंकिंग में धान खरीदी 14 नवम्बर 2024 से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। राज्य में धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक की जाएगी।  समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था पूर्व वर्ष की भांति लागू रहेगी। धान खरीदी के लिए कुल 8 लाख गठान बारदाने की जरूरत होगी।

एकीकृत किसान पोर्टल से ऐसे करें पंजीयन

  • धान एवं मक्का कृषक को समर्थन मूल्य पर विक्रय करने हेतु एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। विगत खरीफ वर्ष 2023-24 में पंजीकृत किसानों को आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए पंजीकृत माना जाएगा
  • एकीकृत किसान पोर्टल में धान एवं मक्का उपार्जन योजना को भी सम्मिलित किया गया है।विगत खरीफ वर्ष 2023-24 में पंजीकृत किसानों को आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए पंजीकृत माना जाए एवं इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2023-24 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे को राजस्व विभाग के माध्यम से अद्यतन करा लिया जाए। यह कार्य एकीकृत किसान पंजीयन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली के लिए किसान द्वारा धान विक्रय के समय धान खरीदी केन्द्र में स्वंय उपस्थित होकर या उनके द्वारा नामांकित नामिनी के द्वारा उपस्थित होकर बायोमेट्रिक आधारित खरीद प्रणाली के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया जा सकता है।
  • किसान पंजीयन हेतु एकीकृत कृषक पंजीयन पोर्टल पर किसान का पंजीयन निर्धारित अवधि के दौरान किसान का एवं उसके एक नामिनी का आधार नंबर लिया जाएगा।
  • नामिनी के रूप में किसान के परिवार के नामित सदस्य में माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, दामाद-पुत्रवधू, सगा भाई-बहन एवं अन्य करीबी रिश्तेदार को मान्य किया जाएगा।
  • हिस्सेदार, बटाईदार तथा अधिया रेगहा के तहत फसल उगाने वाले कृषकों के लिए खेत का मालिकाना हक रखने वाले कृषक स्वंय पंजीयन करा सकेगा अथवा संबंधित कृषक का नॉमिनी के तौर पर पंजीयन करा सकेगा।
  • प्रत्येक खरीदी केन्द्रों में बायोमेट्रिक व्यवस्था के सुचारू एवं व्यवस्थित संचालन के लिए एक स्थायी खरीदी केन्द्र प्रभारी नामांकित किया जाएग। खरीदी केंद्र प्रभारी का भी आधार नंबर एकत्रित किया जाएगा।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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