छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले मामले में मंगलवार को बड़ा झटका लगा। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उन्हें रायपुर की विशेष PMLA कोर्ट में पेश किया, जहां पांच दिन की रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अब उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया जाएगा।
ईडी ने कोर्ट से क्या कहा?
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कोर्ट से 14 दिन की कस्टडी मांगी थी। एजेंसी का कहना था कि शराब घोटाले में चैतन्य से और पूछताछ बाकी है, इसलिए उन्हें हिरासत में रखने की जरूरत है। हालांकि कोर्ट ने न्यायिक हिरासत का आदेश दिया।
जन्मदिन वाले दिन हुई थी गिरफ्तारी
चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। ये वही दिन था जब उनका जन्मदिन भी था। गिरफ्तारी के बाद एजेंसी को उनसे पांच दिन की रिमांड मिली थी।
ईडी का आरोप- चैतन्य ने पैसा हैंडल किया था
ईडी ने प्रेस रिलीज जारी कर चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगाए थे। एजेंसी के मुताबिक, चैतन्य ने करीब 16 करोड़ रुपये की ‘अपराध की कमाई’ (Proceeds of Crime) का इस्तेमाल किया। इसमें से 5 करोड़ रुपये की संपत्ति उन्होंने विठलपुरम ग्रीन्स में त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर खरीदी। बता दें, त्रिलोक सिंह पहले से ही जेल में हैं।
ईडी के मुताबिक, चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से जुड़े करीब 1000 करोड़ रुपये की रकम को सीधे तौर पर हैंडल किया। आरोप है कि सरकारी सिस्टम के जरिए शराब बिक्री में बड़ा घोटाला हुआ और इसमें शामिल लोगों ने इस अवैध कमाई को रियल एस्टेट और दूसरे ज़रियों से वैध करने की कोशिश की। चैतन्य बघेल की न्यायिक हिरासत 14 दिन की है, लेकिन ईडी इस दौरान कोर्ट से फिर से रिमांड की मांग कर सकती है। इस पूरे मामले में पूछताछ और कार्रवाई आगे भी तेज़ रहने की उम्मीद है।





