छत्तीसगढ़ में ‘हाफ बिजली बिल’ योजना को बंद करने के निर्देश के बाद कांग्रेस ने प्रदेशभर में मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को राज्य के कई जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पुतला जलाया। पार्टी का दावा है कि इस फैसले से लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
क्या है कांग्रेस का आरोप?
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य में करीब 22.5 लाख मध्यमवर्गीय परिवार ऐसे हैं, जिन्हें ‘हाफ बिजली बिल’ योजना का सीधा लाभ मिल रहा था। योजना के तहत इन परिवारों को हर महीने औसतन 750 से 1100 रुपए तक बिजली बिल देना पड़ता था, लेकिन अब यह बिल 1700 से 2400 रुपए तक पहुंच सकता है।
इसी तरह जो परिवार 400 से 500 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं, उनका मासिक बिल पहले 1200 से 1500 रुपए आता था, जो अब बढ़कर 3000 से 3700 रुपए तक हो सकता है। कांग्रेस का कहना है कि इस फैसले से उपभोक्ताओं पर हर महीने औसतन 1200 से 2000 रुपए तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
बीजेपी का जवाब
बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कांग्रेस के प्रदर्शन को “औचित्यहीन” करार दिया। उन्होंने कहा,
“राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस इस तरह का प्रदर्शन कर रही है। यह धरना प्रदर्शन केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश है।”
श्रीवास ने यह भी कहा कि बिजली कंपनियों को लगातार नुकसान हो रहा था, इसलिए प्रदेश हित में यह निर्णय लिया गया है। उनके मुताबिक कांग्रेस इस मुद्दे पर “दुष्प्रचार” कर रही है।
कांग्रेस का पलटवार
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता कुलदीप जुनेजा ने बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा,
“सरकार बनने के बाद से अब तक कोई ठोस काम नहीं हुआ है। बीजेपी सरकार कांग्रेस सरकार में शुरू की गई जनहितकारी योजनाओं को बंद कर रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महतारी वंदन योजना के नाम पर महिलाओं को 1 हज़ार रुपए देकर उनसे 5 हज़ार रुपए की राहत छीन रही है।





