छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्यम वर्ग और आम उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। राज्य की लोकप्रिय ‘हाफ बिजली बिल’ योजना को सीमित कर दिया गया है। अब इस योजना का लाभ केवल 100 यूनिट तक की बिजली खपत पर ही मिलेगा। पहले इस योजना के तहत 400 यूनिट तक आधा बिल देना होता था। सरकार के इस फैसले के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस फैसले को ‘जन विरोधी’ बताया है और सरकार पर तीखा हमला बोला है।
योजना को खत्म कर रही है सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने ‘बिजली बिल हाफ’ योजना को लगभग बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि 100 यूनिट की सीमा तय कर दी गई है और इससे अधिक बिजली खपत करने वालों को अब कोई छूट नहीं मिलेगी। यहां तक कि यदि उपभोक्ता 101 यूनिट भी खर्च करता है, तो उसे पूरी खपत पर पूरा बिल देना होगा, पहले की तरह 100 यूनिट पर भी कोई राहत नहीं दी जाएगी।
पहले क्या था सिस्टम?
दीपक बैज के मुताबिक, भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई इस योजना के तहत किसी भी घरेलू उपभोक्ता को 400 यूनिट तक की खपत पर आधा बिजली बिल देना पड़ता था। इससे ऊपर की खपत पर ही पूरा बिल लागू होता था। इस योजना से प्रदेश के लगभग 44 लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिला था और हर उपभोक्ता की लगभग 40 से 50 हजार रुपये तक की बचत हुई थी।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का भी आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि साय सरकार ने सिर्फ योजना सीमित ही नहीं की बल्कि बीते डेढ़ सालों में बिजली दरों में भी बार-बार बढ़ोतरी की है। पार्टी अध्यक्ष बैज ने कहा कि पिछले महीने ही बिजली दरों में चौथी बार इजाफा किया गया। घरेलू बिजली 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी हुई, गैर-घरेलू बिजली पर 25 पैसे और कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई।
‘24 घंटे बिजली अब सपना बन गया’
बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति होती थी, जरूरत पड़ने पर अन्य राज्यों से भी बिजली खरीदी जाती थी। लेकिन अब भाजपा सरकार के आने के बाद प्रदेश में बिजली कटौती, लो वोल्टेज और अनियमित आपूर्ति आम हो गई है। जनता को बिजली मांग के अनुसार नहीं मिल रही है, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार से की पुनर्विचार की मांग
कांग्रेस ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि यह फैसला प्रदेश के लाखों मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं के खिलाफ है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि योजना को पुराने स्वरूप में बहाल नहीं किया गया तो वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।





