छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। रायगढ़ स्थित मेसर्स श्याम सर्जिकल पर राज्य जीएसटी विभाग ने शिकंजा कसा है। यह फर्म छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और ओडिशा के सरकारी अस्पतालों को सर्जिकल और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करती है।
राज्य जीएसटी विभाग की जांच में सामने आया है कि श्याम सर्जिकल ने बीते 4-5 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग को लगभग 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति दिखाई, जबकि वास्तविक खरीदी सिर्फ 10 करोड़ रुपये की थी। इस दौरान फर्म ने कई सामानों की सप्लाई पर 4 से 5 गुना अधिक दर वसूली, यानी करीब 500 फीसदी तक मुनाफा कमाया।
1 करोड़ की टैक्स चोरी
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि व्यवसायी ने अपने परिवार के नाम पर तीन फर्जी फर्में राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर और पी.आर. इंटरप्राइजेस खड़ी कीं। इन फर्मों के जरिए आपस में ही खरीदी-बिक्री दिखाकर 1 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी को अंजाम दिया गया।
सीएम साय के निर्देश पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सरकारी आपूर्तियों की निगरानी के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था। इसी कड़ी में जीएसटी विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की, जिसे सरकार ने पारदर्शिता की मिसाल बताया है।
जनता के साथ विश्वासघात
मुख्यमंत्री साय ने इस मामले को सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि जनता के साथ विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा,
“सरकारी धन और जन स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
ठेकेदारों को चेतावनी
सरकार ने सभी आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ कमाने की कोशिश करती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की ईमानदारी, पारदर्शिता और जनहित की प्राथमिकता को दर्शाती है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जाएंगे और जनता की गाढ़ी कमाई की पैसे-पैसे की हिफाजत की जाएगी।





