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Sun, Dec 21, 2025

छत्तीसगढ़ में 2 नन की गिरफ्तारी, संसद के बाहर प्रदर्शन, CM बोले-कानून अपने हिसाब से काम करेगा

Written by:Saurabh Singh
Published:
छत्तीसगढ़ में 2 नन की गिरफ्तारी, संसद के बाहर प्रदर्शन, CM बोले-कानून अपने हिसाब से काम करेगा

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार इन ननों के समर्थन में सोमवार को केरल से विपक्षी सांसदों ने दिल्ली में संसद परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

राहुल गांधी ने साधा निशाना

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस मामले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा—

“छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, भाजपा-आरएसएस का भीड़तंत्र है। ये अल्पसंख्यकों के सिस्टेमैटिक उत्पीड़न का खतरनाक पैटर्न है।”

राहुल ने कहा कि वे चुप नहीं बैठेंगे और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करेंगे। साथ ही ननों की तत्काल रिहाई और इस कथित अन्याय के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की।

कांग्रेस ने गृहमंत्री को लिखा पत्र

कांग्रेस सांसद और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा,

“ननों के पास तीन युवतियों को नौकरी के लिए ले जाने की इजाजत थी। वे कानूनी प्रक्रिया के तहत काम कर रही थीं, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। बजरंग दल और सरकार ने यह झूठ फैलाया कि वे धर्मांतरण के लिए उन्हें ले जा रही थीं।”

वेणुगोपाल ने भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ने का आरोप भी लगाया।

भूपेश बघेल ने भी उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा,

“भाजपा अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।”

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मांग की कि सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए और अब तक की गई कार्रवाई को सार्वजनिक करे।

कानून अपना काम करेगा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा,

“यह मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है। नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग और नौकरी का झांसा देकर आगरा ले जाया जा रहा था। दुर्ग स्टेशन पर दो ननों को सौंपा गया। इसमें प्रलोभन और मतांतरण की आशंका है।”

सीएम ने दोहराया कि राज्य शांतिप्रिय है और कानून के अनुसार जांच जारी है। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मामले को राजनीतिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण है। दुर्ग स्टेशन से बरामद की गई एक युवती की मां ने बयान दिया है कि उन्होंने अपनी बेटी को खुद भेजा था ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके।