छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी का मामला अब सियासी भूचाल में बदल चुका है। राज्य की बीजेपी सरकार जहां इसे मानव तस्करी और धर्मांतरण का मामला बता रही है, वहीं केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। चंद्रशेखर ने साफ कहा कि उनकी पार्टी ननों को जेल से छुड़ाने और सुरक्षित घर वापसी के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
चंद्रशेखर की असहमति
मुख्यमंत्री साय ने सोमवार को सोशल मीडिया पर बयान देते हुए दावा किया था कि नारायणपुर की तीन लड़कियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और नौकरी का झांसा देकर मतांतरण की कोशिश की जा रही थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि गिरफ्तार की गई नन किसी भी तरह के जबरन धर्मांतरण या मानव तस्करी में लिप्त नहीं थीं। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव अनूप एंटनी पहले से छत्तीसगढ़ में हैं और जरूरत पड़ी तो वह खुद भी वहां जाएंगे।
चंद्रशेखर ने आगे कहा,
“छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जबरन धर्मांतरण गंभीर मुद्दा है, लेकिन इस विशेष घटना में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हमें भरोसा है कि नन धर्मांतरण के लिए नहीं गई थीं।”
जेल में मुलाकात
ननों की गिरफ्तारी के बाद केरल से विपक्षी दलों के कई सांसद और नेता दुर्ग पहुंचे। एनके प्रेमचंदन, सप्तगिरि शंकर उल्का, फ्रांसिस जॉर्ज, अनिल ए थॉमस और रोजी एम. जॉन समेत कई नेताओं ने जेल में जाकर दोनों ननों से मुलाकात की। इस दौरान CPI(M) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात भी मौजूद रहीं। उन्होंने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि ननों को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। करात ने पूछा,
“बजरंग दल को क्या अधिकार है कि वे महिलाओं को जबरन स्टेशन पर रोकें? यह सब उनकी शह पर किया गया है।”
बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई बजरंग दल के इशारे पर की गई और यह धार्मिक भेदभाव का मामला है। वहीं, चंद्रशेखर ने सफाई देते हुए कहा कि बजरंग दल एक स्वतंत्र संगठन है, भाजपा एक राजनीतिक दल। यदि कोई कानून के खिलाफ काम करेगा, तो सजा भुगतेगा।
क्या है मामला?
रविवार को जीआरपी ने दो कैथोलिक ननों और एक अन्य महिला को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वे तीन युवतियों को लेकर आगरा के फातिमा अस्पताल जा रही थीं, जहां उन्हें नौकरी दिलाई जानी थी। आरोप है कि यह मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण का मामला है। हालांकि चर्च का दावा है कि सभी दस्तावेज मौजूद थे, फिर भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर ननों को घेर लिया और पुलिस में शिकायत की। इसके बा
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर बवाल, केरल बीजेपी अध्यक्ष ने सीएम साय से जताया असहमति, कांग्रेस बोली- बजरंग दल के इशारे पर कार्रवाई
द गिरफ्तारी की गई।
अब आगे क्या?
फिलहाल, दोनों नन जेल में हैं और मामले की जांच जारी है। लेकिन सियासी मोर्चे पर बीजेपी के अंदर ही मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। मुख्यमंत्री साय के बयान के 24 घंटे के अंदर ही उनके ही प्रदेश अध्यक्ष ने विरोध में बयान दिया, जिससे साफ है कि यह मामला जल्द शांत नहीं होने वाला।





