Chhattisgarh Weather Update : सोमवार से एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मेघगर्जन और बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। मौसम के साफ होते ही अधिकतम तापमान में हल्की वृद्धि होगी।आने वाले दिनों में उत्तरी छत्तीसगढ़ में तापमान 5-6 डिग्री सेल्सिय तक और बाकी हिस्सों में 2- 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।
आज रविवार को पश्चिमी विक्षोभ, ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते एक दर्जन जिलों में बादल छाने के साथ बारिश की संभावना है। इसमें बालोद, धमतरी, दुर्ग, खैरगढ़ छुईखदान गंडई, रायपुर, राजनांदगांव , बिलासपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग, कोंडागांव, अंबिकापुर, बलरामपुर शामिल है। बस्तर संभाग के जिलों में गरज चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। 24 मार्च से तापमान में उतार चढ़ाव होने लगेगा। मार्च अंत में लू चलने के आसार है।

वर्तमान में सक्रिय है ये मौसम प्रणालियां
- वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ 3.1 किमी से 5.8 किमी ऊंचाई तक स्थित है और 82° पूर्व तथा 33° उत्तर में सक्रिय है।
- पश्चिमी विक्षोभ मध्य विक्षोभ मंडलीय स्तरों पर एक दूरी का के रूप में बना हुआ है, जिसकी दूरी समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर है। वहीं मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर ऊपरी हवा का चक्रवर्ती परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक बना हुआ है।
- एक द्रोणिका का दक्षिण छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक होते हुए दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर स्थित है। इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है।
कब चलती है हीट वेव
- हीटवेव को सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है, जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो तो हीट वेव की स्थिति उत्पन्न होती है।
- जब वातावरण 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फेरनहाइट से अधिक हो जाता है, तब टेम्पेरचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता है। परिणामस्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है।
लू से बचाव के संबंध में आवश्यक सलाह
- छग स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि लू लगने पर शरीर में लक्षण दिखाई देने लगते है, जिसमें सिर में भारीपन-दर्द , तेज बुखार मुंह का सूखना, चक्कर उल्टी आनाशरीर में दर्द होना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना शामिल है।
- लू से बचाव के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकते है। बहुत अनिवार्य नहीं हो तो घर से बाहर न जाएं, धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीयें, मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी,छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहें।
- गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए, जिससे हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीयें, चक्कर आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस लस्सी, मठा आदि का सेवन करें।
- प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लेने तथा उल्टी, सर दर्द, बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लेने कहा है।
Weather Report